एजुकेशन विजय, जौनपुर, 06 मार्च। नियमों को ताख पर रखकर एक ही सत्र में 2 विषयों से न सिर्फ डिग्रियां हासिल कर ली गयीं बल्कि विवि द्वारा स्वर्ण पदक भी थमा दिया गया। मामले के प्रकाश में आने से एक ओर जहां विवि में हड़कम्प मच गया है, वहीं ऐसी करतूत करने वाली छात्रा जनपद छोड़कर दूसरे जनपद में पहुंच गयी है जहां वह विवि द्वारा स्वर्ण पदक दिये जाने का जश्न मना रही है।
संज्ञान में आने पर होगी जांच और करेंगे कार्रवाईः कुलपति
इस सम्बन्ध में विवि के कुलपति ने अपने बयान में मामले से जहां जहां अनभिज्ञता जतायी, वहीं यह कहकर अपने दामन पर लगे दाग को साफ करने की कोशिश भी कर रहे हैं कि पूर्व में भी ऐसे मामले आये हैं जिन पर कार्रवाईयां की गयी हैं। यदि उनके संज्ञान में इस प्रकार का कोई मामला प्रकाश में आता है तो उसकी जांच करायी जायेगी जबकि एक छात्र ने इस सम्बन्ध में एक सप्ताह पूर्व ही शिकायती पत्र कुलपति महोदय को प्राप्त करा चुका है। अब उसे दरकिनार करके विवि के कुलपति और किस तरह से संज्ञान में लेना चाहते हैं, यह तो वही जाने लेकिन इतना जरुर है कि छात्रा की इस करतूत ने विवि के नियमों पर सवाल खड़े कर दिये हैं। विवि के कुलपति को सम्बोधित पत्र में शिकायतकर्ता अहमद हसन ने आरोप लगाया कि छात्रा तृप्ति उपाध्याय ने सत्र 2012-13 में विवि से सम्बद्ध तिलकधारी महाविद्यालय में बीकाम तृतीय वर्ष और इसी सत्र में विवि से एमसीए प्रथम वर्ष में एक साथ अध्ययन किया।
इसी को लेकर विवि ने गत दिवस सम्पन्न हुये दीक्षांत समारोह में एमसीए में अच्छे अंक अर्जित करने के नाम पर छात्रा को गोल्ड मेडल भी प्रदान कर दिया। सबसे हास्यास्पद बात यह रही कि सब कुछ आनलाइन होने के बावजूद विवि प्रशासन को धोखा देने में छात्रा कामयाब रही और प्रशासन इसे जानने में पूरी तरह नाकाम रहा। हालांकि इस पूरे प्रकरण में यह भी माना जा रहा है कि विवि के लोगों की मिलीभगत से ही ऐसा संभव हुआ है। फिलहाल उक्त छात्रा दूसरे जनपद के लिये प्रस्थान कर चुकी है। अब देखना यह है कि पूविवि प्रशासन उसके खिलाफ क्या कार्रवाई करता है? फिलहाल मामले को लेकर विभिन्न सवाल खड़े किये जा रहे हैं?
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