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Monday 28 March 2016

प्रतियोगिता में 100 देशों से 2900 एंट्रीज

एजुकेशन विजय, चंडीगढ, 28 मार्च । अच्छा आंत्रप्रेन्योर वही होता है जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाए। इंटरनेशनल स्कूल एंटरप्राइज चैलेंज 2015 में इसका बेहतर उदाहरण पेश किया सत्या भारती आदर्श सीिनयर सेकंडरी स्कूल, फत्तूभीलिया के स्टूडेंट्स ने और जीत लिया ग्लोबल अवॉर्ड।यूके स्थित चैरिटी ‘टीच ए मेन टू फिश’ द्वारा हर साल स्कूल स्टूडेंट्स में आंत्रप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करने  के लिए ये प्रतियोगिता करवाई जाती है ताकि वे नौकरी मांगने के बजाए नौकरी देने वाले उद्यमी बनें। इस चैलेंज में शामिल होने के लिए सत्या भारती स्कूल की 10वीं के स्टूडेंट्स ने पहले तो स्कूल और गांव से ही कुछ सामान एकत्र किया। इनमें कच्चे आम, नींबू, आंवला, गाजर, गोभी शामिल थे। कुछ अन्य सामान पर 120 रुपए खर्च किए। फिर उससे तैयार अचार व मुरब्बे को गांव में ही बेचकर 400 रुपए कमाए। इस पैसे से स्कूल के लिए ही स्टेशनरी खरीद ली।अपने इसी प्रयास को एंट्री के तौर पर प्रतियोगिता में भेजा। आयोजकों ने एक छोटे से निवेश पर अच्छा रिटर्न और एक ग्लोबल प्रतियोगिता में एंट्री भेजने के हौसले को भी आंका। प्रतियोगिता में 100 देशों से 2900 एंट्रीज आई। गुड़गांव के एक स्कूल के स्टूडेंट्स ने एक लाख रुपए की कमाई की पर फत्तूभीलिया गांव के स्टूडेंट्स बाजी मारने में सफल रहे। उन्होंने स्टेज 3 स्पेशल रिकग्नाइजेशन अवॉर्ड जीत लिया।
विजेता टीम में शामिल पवनीत कौर ने खुशी जताते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता ने हमें समाज के प्रति अपने दायित्व से भी परिचित करवाया है। ये अवॉर्ड भविष्य के लिए सफलता के अहसास के साथ ही लगातार आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेगा। निक काफका, सीईओ, टीच ए मेन टू फिश ने कहा, ‘हम लगातार छठे साल स्कूल इंटरप्राइज चैलेंज को आयोजित करके बेहद खुश हैं। गांव के इन बच्चों ने शानदार हौसला दिखाया। प्रतियोगिता में हर साल हिस्सा लेने वाले देशों और स्कूलों की संख्या बढ़ रही है। विजय चड्‌ढा, सीईओ, भारती फाउंडेशन ने कहा, ‘सत्या भारती स्कूल प्रोग्राम का प्रमुख उद्देश्य सम्पूर्ण विकास करना है। हम खुश हैं कि हमारे स्टूडेंट्स ने एक नई सोच को अपनाया और उनके प्रयासों को मान्यता भी मिली है। फाउंडेशन में हम सभी के लिए ये गर्व के पल हैं।

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