एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 20 मार्च । सांख्यिकी का उपयोग जीवन और शिक्षा के हर क्षेत्र में है चाहे वह समाज विज्ञान हो या मानविकी अथवा प्रशासन का कोई क्षेत्र हो। उन्होंने कहा कि आम आदमी के जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं लेकिन इन योजनाओं की सफलता के लिए वास्तविक तथा अर्थपूर्ण सांख्यिकीय विश्लेषण की आवश्यकता हर स्तर पर विद्यमान रहती है जिसके बिना ऐसे कार्यक्रम सफल नहीं हो सकते। उक्त बातें उ.प्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि के तत्वावधान में रेलेवेन्स आॅफ स्टेटिक्स इन रिसर्च स्टेटिस्किल साफ्टवेयर विषय पर राष्ट्रीय साप्ताहिक कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि 101 बटालियन रैपिड एक्शन फोर्स के कमाण्डेन्ट दिनेश सिंह चन्देल ने कहा।
श्री चंदेल ने कहा कि जब हम आंकड़ों का संचयन आरम्भ करते हैं तो हमारा लक्ष्य या ध्येय हमारे सामने बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए और उसके अनुसार ही हमें उनके वर्गीकरण और विश्लेषण की प्रणालियों का चयन करना चाहिए तभी यथार्थ और उपयोगी निष्कर्ष प्राप्त होंगे। अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एस.पी गुप्ता ने कहा कि सही विधियों का इस्तेमाल करते हुए सही ढंग से आंकड़ो के विश्लेषण से ही सार्थक निष्कर्षों की प्राप्ति संभव है। उन्होंने का कि डेटा एनालिसिस के बिना हम शोध की कल्पना भी नहीं कर सकते। शोध में आंकड़ों की उपलब्धता महत्वपूर्ण आधार है। ज्ञान के विस्फोट के बाद वर्तमान में आंकड़ों का विस्फोट हो रहा है। उन्होंने कहा कि उपयोगी आंकड़ों का चयन सजगता से करने की आवश्यकता है।विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक डा.आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण और शोध में सांख्यिकी का बहुत महत्व है। कम्प्यूटर के क्षेत्र के अनुप्रयोग और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सांख्यिकी का महत्व है। उन्होंने शोध की उपयोगिता और सार्थकता पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला की रिपोर्ट आयोजन सचिव डा.श्रुति ने प्रस्तुत किया। संचालन डा.गौरव संकल्प तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. जी.के द्विवेदी ने किया।
श्री चंदेल ने कहा कि जब हम आंकड़ों का संचयन आरम्भ करते हैं तो हमारा लक्ष्य या ध्येय हमारे सामने बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए और उसके अनुसार ही हमें उनके वर्गीकरण और विश्लेषण की प्रणालियों का चयन करना चाहिए तभी यथार्थ और उपयोगी निष्कर्ष प्राप्त होंगे। अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एस.पी गुप्ता ने कहा कि सही विधियों का इस्तेमाल करते हुए सही ढंग से आंकड़ो के विश्लेषण से ही सार्थक निष्कर्षों की प्राप्ति संभव है। उन्होंने का कि डेटा एनालिसिस के बिना हम शोध की कल्पना भी नहीं कर सकते। शोध में आंकड़ों की उपलब्धता महत्वपूर्ण आधार है। ज्ञान के विस्फोट के बाद वर्तमान में आंकड़ों का विस्फोट हो रहा है। उन्होंने कहा कि उपयोगी आंकड़ों का चयन सजगता से करने की आवश्यकता है।विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक डा.आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण और शोध में सांख्यिकी का बहुत महत्व है। कम्प्यूटर के क्षेत्र के अनुप्रयोग और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सांख्यिकी का महत्व है। उन्होंने शोध की उपयोगिता और सार्थकता पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला की रिपोर्ट आयोजन सचिव डा.श्रुति ने प्रस्तुत किया। संचालन डा.गौरव संकल्प तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. जी.के द्विवेदी ने किया।
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