एजुकेशन विजय, लखनऊ,22 मार्च। लखनऊ विश्वविद्यालय के कैलाश हॉस्टल में पिछले दिनों हुए बवाल और पूर्व प्रोवोस्ट प्रो. शीला मिश्रा के पूरे मामले की जांच अब विवि अपने स्तर से कराएंगी। इसके लिए विवि पूरे मामले को अपने डिसिप्लिनरी कमेटी के पास भेजेगी। जो इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर इसकी रिपोर्ट वीसी को सौंपेगी। विवि के सूत्रों का कहना है कि अगर कमेटी अपनी जांच में प्रो. शीला मिश्रा को दोषी पाती है तो उन पर कार्रवाई भी हो सकती है। ज्ञात हो कि कैलाश छात्रावास की कुछ छात्राओं ने इस माह के शुरुआत में पूर्व प्रोवोस्ट पर गलत तरह से अवैध वसूली करने, छात्राओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने के साथ ही हॉस्टल में उनके लड़के द्वारा छात्राओं के साथ डांस करने सहित छह बिंदुओं पर विवि प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई थी।
हाईकोर्ट के जस्टिस करेंगे जांच
ज्ञात हो की बीते शनिवार को विवि ने अपने कार्य परिषद की बैठक में एक स्टैडिंग डिस्पिलिनरी कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें पूर्व जस्टिस लाखड़ा और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को कमेटी का सदस्य बनाया गया था, जो विवि के जुड़े सभी मामलों की जांच करेगी। कैलाश हॉस्टल में हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच अब इस स्टैडिंग डिस्पिलिनरी कमेटी को सौंपे जाने की तैयारी हैं।
सौंपी जाएंगी दोनों जांच समिति की रिपोर्ट
यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि प्रो. शीला मिश्रा के राज्यपाल से इस पूरे मामले की शिकायत करने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम उठाया है। विवि प्रशासन अब इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर पूरे घटनाक्रम के पीछे जो भी लोग है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद विवि प्रशासन इस मामले में जांच के लिए गठित दोनों कमेटियों चीफ प्रोवोस्ट प्रो. एसपी त्रिवेदी की रिपोर्ट व आभा अवस्थी की तीन सदस्सीय कमेटी की रिपोर्ट जो कार्य परिषद में रखी गई थी। उसे इस कमेटी के सामने रखेगी। ताकि वह शुरू से इस पूरे मामले की जांच कर सके।
मानवाधिकार आयोग को देना है जवाब
ज्ञात हो कि मंडे को कैलाश हॉस्टल की पूर्व प्रोवोस्ट शीला मिश्रा के मामले की जांच ाुद मानवाधिकार आयोग ने अपने हाथ में लिया था। इसके लिए प्रो. शीला मिश्रा की ओर से आयोग में इसकी शिकायत की गई थी. सोमवार को आयोग की ओर से इस पर एक जांच समिति गठित कर दी थी. जो नौ मई को इसकी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी. इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने स्तर से इस मामले की जांच कराने की तैयारी कर रही हैं।
ज्ञात हो की बीते शनिवार को विवि ने अपने कार्य परिषद की बैठक में एक स्टैडिंग डिस्पिलिनरी कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें पूर्व जस्टिस लाखड़ा और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को कमेटी का सदस्य बनाया गया था, जो विवि के जुड़े सभी मामलों की जांच करेगी। कैलाश हॉस्टल में हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच अब इस स्टैडिंग डिस्पिलिनरी कमेटी को सौंपे जाने की तैयारी हैं।
सौंपी जाएंगी दोनों जांच समिति की रिपोर्ट
यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि प्रो. शीला मिश्रा के राज्यपाल से इस पूरे मामले की शिकायत करने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम उठाया है। विवि प्रशासन अब इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर पूरे घटनाक्रम के पीछे जो भी लोग है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद विवि प्रशासन इस मामले में जांच के लिए गठित दोनों कमेटियों चीफ प्रोवोस्ट प्रो. एसपी त्रिवेदी की रिपोर्ट व आभा अवस्थी की तीन सदस्सीय कमेटी की रिपोर्ट जो कार्य परिषद में रखी गई थी। उसे इस कमेटी के सामने रखेगी। ताकि वह शुरू से इस पूरे मामले की जांच कर सके।
मानवाधिकार आयोग को देना है जवाब
ज्ञात हो कि मंडे को कैलाश हॉस्टल की पूर्व प्रोवोस्ट शीला मिश्रा के मामले की जांच ाुद मानवाधिकार आयोग ने अपने हाथ में लिया था। इसके लिए प्रो. शीला मिश्रा की ओर से आयोग में इसकी शिकायत की गई थी. सोमवार को आयोग की ओर से इस पर एक जांच समिति गठित कर दी थी. जो नौ मई को इसकी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी. इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने स्तर से इस मामले की जांच कराने की तैयारी कर रही हैं।
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