एजुकेशन विजय, लखनऊ, 20 मार्च। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में होने वाली घटना की सच्चाई देश भर में फैलाई जाएगी। वहां लगने वाले देश विरोधी नारे और उनके पीछे के वामपंथी षड्यन्त्र गांव तक फैलेगी। इसके लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कमर कस ली है।रविवार को राजधानी समेत प्रदेश के दो अन्य स्थानों पर 500 से अधिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया। 9 फरवरी को जेएनयू में कुछ वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने देश विरोधी नारे लगाए थे। ऐसे ही हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का राहुल वेमुला प्रकरण उछाल कर देश को बदनाम करने की कोशिशें हुईं।
एबीवीपी का मानना है कि वामपंथी संगठनों के इस कृत्य से देश की छवि को काफी धक्का लगा। इसके बाद देशप्रेमी और देशीद्रोही जैसे शब्दों की आड़ में बहसें होने लगीं थीं। लेकिन केवल बहस ही इसका निराकरण समाधान नहीं है।
एबीवीपी का मानना है कि वामपंथी संगठनों के इस कृत्य से देश की छवि को काफी धक्का लगा। इसके बाद देशप्रेमी और देशीद्रोही जैसे शब्दों की आड़ में बहसें होने लगीं थीं। लेकिन केवल बहस ही इसका निराकरण समाधान नहीं है।
अब एबीवीपी ने ऐसी चर्चाओं का सच युवाओं के साथ आम लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसके लिए रविवार को यूपी के तीन स्थानों (लखनऊ, गोरखपुर, बनारस) पर 500 से अधिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण लेने वाले कार्यकर्ता अब नगर, मुहल्लों के साथ काॅलेजों में भी इन घटनाओं का सच बतायेंगे। 10 लाख पर्चों के माध्यम से वामपंथी संगठनों द्वारा बांटे गए पोस्टर्स और हैंडबिल्स की सच्चाई उजागर करेंगें।
कोट:
‘‘कुछ वामपंथी संगठन देश विरोधी कार्यों को सही ठहराने में लगे हैं। लेकिन एबीवीपी इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर हैदराबाद और जेएनयू यूनिवर्सिटी की घटनाओं का सच सामने लाएगी। यही वजह है कि कार्यकर्ता प्रशिक्षित हो रहे हैं।‘‘
श्रीनिवास, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री, एबीवीपी
‘‘कुछ वामपंथी संगठन देश विरोधी कार्यों को सही ठहराने में लगे हैं। लेकिन एबीवीपी इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर हैदराबाद और जेएनयू यूनिवर्सिटी की घटनाओं का सच सामने लाएगी। यही वजह है कि कार्यकर्ता प्रशिक्षित हो रहे हैं।‘‘
श्रीनिवास, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री, एबीवीपी
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