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Saturday 12 March 2016

5 नये परीक्षा केंद्रों से मिली राहत

एजुकेशन विजय, जगदलपुर, 12 मार्च। छात्रों को इस बार 10वीं तथा 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए 5 नये परीक्षा केंद्रों की मंजूरी मिली है। इससे परीक्षा केंद्रों की दूरी 5 से 7 किमी घटी है पिछले साल केवल 58 केंद्र थे अब संख्या बढ़ कर 63 हो गई है। करंजी हाई स्कूल में बनाए गए सेंटर में कल शुक्रवार को 10 वी की संस्कृत की परीक्षा देने छात्र यहां पहुंचे थे। यहां 59 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड है। पिछले साल तक करंजी के छात्रों को वहां से 5-6 किमी तक यह चित्रकोट रोड़ पर स्थित पोटानार स्कूल में परीक्षा देने जाना पड़ता था। इसी तरह तितिरगांव के नये सेंटर में 10 वीं के 68 और 12 वीं के 22 परीक्षार्थी बैठे हैं। पहले इस क्षेत्र के बच्चे धरमपुरा में 3-4 किमी दूरी तय कर परीक्षा दे पाते थे। सबसे ज्यादा फायदा लामनी क्षेत्र में स्थित नियानार स्कूल के बच्चों को हुआ है। वहां हाई स्कूल में 96 और हायरसेंकेड्री के 31 छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं। यहां के छात्रों को 6-7 किमी दूर रेल्वे स्कूल में जाना पड़ता है।विद्यार्थियों को ज्यादा दूरी तय करके परीक्षा देने जाना न पड़े। इसलिए नये केंद्र तो खोल दिये गए, लेकिन कई जगह अव्यवस्था है। नियानार में पिछले 2 -3 महीने से ज्यादा समय हो गया है लाइट नहीं लग पाई है। गुरूवार को काफी मशक्त के बाद वहां अस्थाई कनेक्शन दिया गया है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि स्कूल का मैदान मेन रोड तक सटा हुआ है। यहां 420 छात्र पहुंचते है। बाउन्ड्रीवाल न होने के कारण किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।
छ.ग. मशिमं द्वारा ली जा रही 10 वीं तथा 12 की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्याकंन भी इस बार दंतेवाड़ा में नहीं होगा। जिले के गल्र्स हायर सेकेंड्री स्कूल में संचालित होने वाले मूल्याकंन केंद्रों को दो साल पहले बंद कर दिया गया था। यह तीसरा अवसर होगा जब उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्याकन दंतेवाड़ा में नहीं होगा। हांलाकि जिले के उत्तर पुस्तिकाएं केंद्र रहने के बाद भी दूसरे जिलों में मूल्यांकन के लिए भेजी जाती थी और दूसरे जिलों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी यहां होता था। मूल्यांकन के लिए बोर्ड रेंडम विधि से जिले का चयन करता आ रहा है। राज्य के किस जिले की उत्तर पुस्तिकाएं यहां जचेंगी इसका पूर्व निर्धारण नहीं होता था। भेजी गयी उत्तर पुस्तिकाओं के रोल नंबर को लेकर भी काफी गोपनीयता बरती जाती थी।दंतेवाड़ा के डीईओ सुभाष गंजीर ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों को शुरू करने के बारे में कोई दिशा निर्देश अब तक नहीं आए है इसलिए संभावना इस बार भी कम है। केंद्र उनके कार्यकाल से पहले बंद हो चुका है। लिहाजा बंद होने के कारणों की कोई जानकारी नहीं है।

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