एजुकेशन विजय, लखनऊ, 04 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल अलीगंज कैम्पस के कक्षा-8 के छात्र श्याम अग्रवाल ने स्मार्ट किड जनरल नाॅलेज ओलम्पियाड में अखिल भारतीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि हेतु श्याम अग्रवाल को गोल्ड मेडल, एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र एवं विजेता ट्राफी मिली है।सीएमएस के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि स्मार्ट किड जीके ओलम्पियाड का आयोजन सिल्वर जोन फाउण्डेशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर किया गया था। इसमें देश भर के प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया था। प्रतियोगिता में सीएमएस के छात्र श्याम अग्रवाल ने भी हिस्सा लिया था। श्याम ने विभिन्न विषयों के उत्कृष्ट ज्ञान, देश-दुनिया की नवीनतम जानकारियों, तार्किक क्षमता एवं प्रतिभा के बल पर यह उपलब्धि अर्जित की है। शुभेच्छुओं ने श्याम की सफलता पर बधाई दी है।
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Monday, 4 April 2016
मूल्यांकन केन्द्रों पर शिक्षकों से रूबरू हुआ शिक्षक संघ, जानी समस्याएं
By Unknown 06:59
एजुकेशन विजय, केन्द्रों रूबरू, जानी समस्याएं, तेज नारायण पाण्डेय, लखनऊ. No comments
एजुकेशन विजय, लखनऊ, 04 अप्रैल। संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक तेज नारायण पाण्डेय ने अपने संगठन के पदाधिकारियों के साथ सोमवार को लखनऊ के पाँचों मूल्यांकन केन्द्रों पर दौरा किया। मूल्यांकन कार्य कर रहे शिक्षकों से मुलाकात की और नए सत्र प्रारम्भ की बधाई दी।श्री पाण्डेय ने बताया कि पिछले वर्ष की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की धनराशि अब तक परीक्षकों को भुगतान नहीं की गयी है। इससे न केवल शिक्षकों में रोष है, अपितु उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में उन्हें अब दिलचस्पी नहीं है। सरकार का दावा है कि पिछले वर्ष के मूल्यांकन के पारिश्रमिक भुगतान ेके लिए सात करोड़ रुपये निर्गत किया जा चुका है, किन्तु विडम्बना यह है कि वह भुगतान कब तक सुनिश्चित होगा।उन्होंने कहा कि परीक्षकों का कहना है कि मूल्यांकन का पारिश्रमिक अन्य बोर्डांे की अपेक्षा बहुत कम है। परीक्षक को अपने केन्द्र पर आने-जाने का खर्चा भी पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए पारिश्रमिक बढ़ाया जाना चाहिए।पाण्डेय ने बताया कि शैक्षिक सत्र मार्च में समाप्त होने से 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए अध्यापकों में मूल्यांकन के प्रति कोई रुचि नहीं है।
आखिर, वर्तमान सरकार की सोच क्या है, जो नया सत्र 01 अपै्रल से प्रारम्भ कर दिया। अब शिक्षक अपने विद्यालय में अध्यापन, प्रवेश एवं अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन करें या मूल्यांकन का कार्य का?पाण्डेय ने कहा कि बोर्ड द्वारा परीक्षकों को भेजे गये आमंत्रण पत्रों में कई खामियाँ हैं। विषय गलत लिखे हैं। मृत शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया गया है। इससे परीक्षक भ्रमित हैं। मूल्यांकन केन्द्रों पर नहींे पहुँच पा रहे हैं।
आखिर, वर्तमान सरकार की सोच क्या है, जो नया सत्र 01 अपै्रल से प्रारम्भ कर दिया। अब शिक्षक अपने विद्यालय में अध्यापन, प्रवेश एवं अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन करें या मूल्यांकन का कार्य का?पाण्डेय ने कहा कि बोर्ड द्वारा परीक्षकों को भेजे गये आमंत्रण पत्रों में कई खामियाँ हैं। विषय गलत लिखे हैं। मृत शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया गया है। इससे परीक्षक भ्रमित हैं। मूल्यांकन केन्द्रों पर नहींे पहुँच पा रहे हैं।