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Saturday, 19 March 2016

सप्ताह में दो दिन शिक्षक की भूमिका निभाते हैं उपायुक्त

एजुकेशन विजय, खूंटी, 19 मार्च। आमतौर पर आला अधिकारियों के बारे में लोगों की सोच है कि उनके पास समय का अभाव होता है और प्रशासनिक कार्यों के अलावा दूसरे कार्यों में उनकी रूचि नहीं होती, लेकिन जब कोई उपायुक्त छात्रों को पढ़ाने के लिए खुद क्लास में आ जाये, तो छात्रों के साथ ही आम लोगों को आश्चर्य के साथ हर्ष भी होता है। ऐसा ही नजारा पिछले कुछ महीनों से एसएस प्लस टू स्कूल में देखने को मिल रहा है। एमबीबीएस डॉक्टर से प्रशासनिक अधिकारी बने डा. प्रसाद कृष्ण वाघमारे हर शनिवार और रविवार को उक्त विद्यालय मंे क्लास लेने जाते हैं। जनवरी से उनकी यह सेवा लगातार जारी है।
इस स्कूल में आदिवासी, हरिजन और पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को मैट्रिक और 12वीं की निःशुल्क कोचिंग दी जाती है। इतना ही नहीं यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एक वक्त का भोजन और आने-जाने का किराया भी दिया जाता है। इस कक्षा की शुरूआत राज्य सरकार की पहल पर की गयी थी। इसी वर्ष 16 जनवरी को उपायुक्त डा. वाघमारे ने इसका उद्घाटन किया था। सपताह में दो दिन कक्षा चलती है। शनिवार को सुबह 11 बजे से शाम चार बजे और रविवार को साढ़े दस से तीन बजे तक कक्षा का संचालन होता है।। इसके लिए जिले के छह प्रखंडों से 80 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है।

Thursday, 17 March 2016

स्कूल में छात्र की बेरहमी से पिटाई, शिक्षक के खिलाफ एफआईआर

एजुकेशन विजय, कोलकाता, 17 मार्च। स्कूल से प्राप्त यूनिफार्म पहन कर नहीं आने के चलते शिक्षक ने छठी कक्षा के एक छात्र की बुरी तरह पिटाई कर दी। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराना पडा। छात्र के परिजनो ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। यह घटना दक्षिण २४ परगना जिले के कैनिंग इलाके के रायबाघिनी हाई स्कूल की है। प्राप्त खबरों के अनुसार छठी कक्षा का छात्र जहांगीर लस्कर बुधवार को यूनिर्फाम पहन कर स्कूल नहीं गया था। आरोप है कि इसी को लेकर स्कूल के शिक्षक भोला मंडल ने उसकी इस कदर पिटाई कर दी कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाना पडा। छात्र के परिवारवालों का कहना है कि स्कूल से जो यूनिफार्म दिया गया था वह पुराना हो जाने की वजह से फट चुका था। यही बात शिक्षकों को बताने जहांगीर की मां इस दिन स्कूल गई तो उसे अपने बेटे के साथ हुई मारपीट के बारे में पता चला। हालांकि स्कूल प्रबंधन ने मारपीट के आरोपों से इनकार किया है। पीडित छात्र के परिजनो ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ कैqनग थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

Saturday, 27 February 2016

शिक्षक बनाता है यूरेका अकादमी



नवीन कुमार / प्रियम दवे
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अहम भुमिका एक शिक्षक कि होती है। एक शिक्षक ही है जो बच्चों का दिशा-निर्देशक या बच्चों को सही मार्ग दिखाता है अपने सपनों की उड़ान भरने, अपने लक्ष्य को हासिल करने में और समाज में अपनी एक पहचान बनाने में एक शिक्षक का ही हात होता है बच्चों को मार्ग और उनके कर्तव्यों उनकी जिम्मेदारीयों से उन्हें रू ब रू कराता है बच्चे के भविष्य में एक शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसी बीच एजुकेशन विजय ने बात की दिल्ली के जी.टी.बी नगर में स्थित ‘यूरेका अकादमी’ से जो शिक्षकों को  कई वर्षो से प्रशिक्षित कर रहा हैं।
यूरेका अकादमी के संस्थापक ए.के.श्रीवास्तव जी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस संस्था कि शुरूआत सन् 1995 हुई थी और इस संस्था कि शुरूआत केवल एक बच्चे से हुई और शुरू में उन्हें बहुत सी परेशानियों का भी सामना करना पढ़ा। लेकिन अपने विष्वास और हौसले को कायम रख वह आगे बढ़ते गए। उसी का परिणाम है कि आज उनके एक बैच में 30 बच्चे पढ़ते है और संस्था से हजारों बच्चे शिक्षा ले चुके हैं।
उन्होंने बताया कि संस्था से पढ़कर गए बच्चे पूरे भारत में अच्छी जगह कार्यरत है और आगे बच्चों को शिक्षा दे रहे है उन्होंने कहा कि संस्था से 30 प्रतिशत बच्चे हर बार पास होते है उनका कहना कि बच्चों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है क्योकि जिसके पास सरस्वती है उसको रोजगार कि कमी नहीं हैं। वह चाहते है कि वो इस देश को अच्छे से अच्छा और ज्यादा से ज्यादा शिक्षक दे। ताकि बच्चों को एक सही दिशा और मार्ग दिखा सके। क्योकि बच्चों को जरूरत है दिशा-निर्देशक की और उससे ज्यादा जरूरी है बच्चों को अपने शिक्षक का आदर करना।