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Monday 29 February 2016

नई सदी में नैनोटेक्नोलाॅजी और बायो स्टैटिक्स की उपयोगिता-प्रोनिमसे

एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 25 फरवरी। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश भारत में हो रहा है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पटल पर गुणवत्ता प्रदर्शित नहीं हो रही है। ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रसिया, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में सबसे ज्यादा आय भारतीय शिक्षकों को मिलती है लेकिन गुणवत्ता के मामले में अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है। उक्त विचार उ.प्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की विज्ञान विद्याशाखा के तत्वावधान में गुरूवार को ‘करेन्ट सीनेरियो एण्ड प्रोस्पेक्ट्स आफ नैनोटेक्नोलाॅजी एण्ड बायो-स्टेक्टिस’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.बी निमसे ने व्यक्त किया।

उन्होंने आगे कहा कि नैनोटेक्नोलाॅजी और बायो-स्टैक्टिस की नई सदी में बहुत उपयोगिता है। भारतीय छात्रों का सकल नामांकन अनुपात अभी बीस प्रतिशत है लेकिन विकसित होने के लिए इसे 30 प्रतिशत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यतया सही शासकीय नीति के अभाव मंे गुणवत्ता एवं जिम्मेदारी का बोध न होने से उच्च शिक्षा अपना सही आयाम नहीं पा रही है। आज चीजे बहुत तेजी से बदल रही है। आॅनलाईन कोर्सेज की तरफ लोगों का रूझान बढ़ा है।

विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सभाजीत यादव ने कहा कि वर्तमान वैश्विक संदर्भ में बायो स्टैटिक्स एवं नैनोटेक्नोलाॅजी का इस्तेमाल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने मंे हो सकता है। वैज्ञानिक प्रगति के इस दौर में लोगों को नई तकनीकियों से प्रशिक्षित किया जाये। विशिष्ट अतिथि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल स्टैटिक्स नई दिल्ली के निदेशक प्रो. अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि सांख्यिकी द्वारा बड़े से बड़े डाटा का परीक्षण करने के बाद गुणवत्तापरक शोध द्वारा समाज मंे विकास के लिए इस्तेमाल कर सकते है। उच्च शिक्षा मंे इसका भरपूर उपयोग हो सकता है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.एम.पी दुबे ने कहा कि 21वीं सदी नैनो टैक्नोलाॅजी की है। नैनोटेक्नोलाॅजी की उपयोगिता सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक कार्यांे मंे है। बिग डेटा के माध्यम से निरन्तर विकास हो रहा है। कहा कि बायोस्टैटिक्स से हम आज सूक्ष्म विश्लेषण कर सकते हैं, जो समाज के लिए बहुत उपयोगी है। प्रो. दुबे ने बताया कि मुक्त विवि आईसीटी में बिग डेटा का इस्तेमाल कर रहा है। आज मुक्त विवि में प्रवेश एवं परीक्षा बिग डेटा के आधार पर आॅनलाईन हो गयी है। जिसके माध्यम से छात्र विश्व के किसी भी कोने में अपने प्रवेश एवं परीक्षा परिणाम जान सकता है।

इस अवसर पर ईजिप्ट के प्रो.साबिर मोहम्मद अब्दुल्ला ने पशुओं पर जैव तकनिकी के प्रभाव पर विचार व्यक्त किया। अमेरिका के प्रो. एन.डी सिह ने स्मार्ट मटेरियल और उनके उपयोग पर चर्चा की। चेक गणराज्य की डाॅ.कुमुद मिश्रा ने क्लोरोफिल फ्लोरोसेन्स के वर्तमान एवं भविष्य पर गुणवत्तापरख आलेख प्रस्तुत किया। चीन के डाॅ.समीस गुप्ता ने मानवाधिकार और मालीकुलर जेनेटिक के सम्बन्ध में शोधपरख आलेख प्रस्तुत किये। नाजिरिया के डाॅ.अबूबकर ने विस्टर चूहो पर सिनेजेटिक प्रभाव पर प्रकाश डाला। नेपाल के डा.मनोज कुमार ने चूहो पर प्रयोग करके उम्र के प्रभावों को कम करने के अध्ययन पर विचार व्यक्त किया। कान्फ्रेन्स का संचालन संयुक्त आयोजन सचिव डा. गौरव संकल्प तथा धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डा. मृदुल श्रीवास्तव ने दिया। इस अवसर पर अतिथियों ने कान्फ्रेन्स में प्रस्तुत किए जाने वाले शोध पत्रों के ई-शोविनियर तथा शोध-संक्षिप्तिका का विमोचन किया। अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स में नाईजीरिया, इजिप्ट, नेपाल, चेक गणराज्य, चीन, यूएसए तथा भारत के विभिन्न प्रान्तों के 200 से अधिक प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं।

अंग्रेजियत की तरफ बढ़ रहा आज का समाज-राजकुुमार सिंह

एजुकेशन विजय, अम्बेडकरनगर। आज समाज अंग्रेजियत की तरफ बढ़ रहा है। यह समाज और देश दोनों के लिए घातक है। बच्चांे को शिक्षा के साथ संस्कार देने की प्रबल आवश्यकता है,तभी समाज व देश को आदर्श बनाया जा सकता है। यह बातें जयबजरंग बाल विद्या मन्दिर रामनगर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर जन शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक राजकुमार सिंह बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हर अभिभावक को समझने की जरूरत है कि हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं संस्कार देकर के हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में अहम दें सकें। यह तभी संभव है जब अभिभावक, शिक्षक मिलकर बालों को संस्कार युक्त शिक्षा देने की कोशिश करें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्राधिकारी आरके सिंह व तहसीलदार रमेश मौर्य ने कहा कि वार्षिक उत्सव विद्यालय की प्रतिभाओं को एकमंच के जरिए प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका देता है, तथा इसके साथ ही अन्य बच्चों मे भी कुछ नया करने का जज्बा पैदा होता है।
नायब तहसीलदार रानी गरिमा पालीवाल ने कहा कि बेटा/बेटी में कोई फर्क न समझकर हर अभिभावक की जिम्मेदारी है कि अपने पाल्यो को संस्कार युक्त षिक्षा जरूर दें।

कार्यक्रम की शुरूआत बच्चो के ’’देवा श्री गणेष’’ गणेष वन्दना से हुई। छात्राओ ने ’’माँ शारदे के गीत से सरस्वती वन्दना व घर मन्दिर सा’’ स्वागत गीत से कार्यक्रम को गति दी गयी। इसके बाद ’’ पनघट पे नाचे’’ ग्रुप डांस षिक्षा को आगे बढ़ावो षिक्षा प्रसार गीत ’’आई लव माई इण्डिया आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमो के जरिए जहां लोगो को वाह-वाही करने पर मजबूर कर दिया तो वही पर फागुन आये रे होली गीत लोगो ने जहां होली का एहसास कराया तो अभिनय गीत हम काले है तो क्या दिलवाले है’’ ने बच्चो ने प्रस्तुतकर दर्षको को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया। अंत में बच्चो द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय गीत ’’ चुनरी रंग दे ललरिया मेरो’’ गीत ने तो राष्ट्र प्रेम से उत्प्रेत कर दिया।

कार्यक्रम को कार्यक्रम अध्यक्ष जगन्नाथ तिवारी, लालचन्द पाण्डेय, पूर्व जिप सदस्य अजीत यादव, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि बलिराम, भाजपा युवा नेता आनन्द जायसवाल, दषरथ यादव, सपा विधानसभा अध्यक्ष अष्वनी यादव, समेत तमाम लोगो ने सम्बोधित किया। 

सर पर परीक्षा के बोझ की जगह पानी का बोझ

एजुकेशन विजय,बहुरहापुर, 27 फरवरी । जहां एक ओर छात्राओं पर परीक्षा का बोझ सामने दिखाई दे रहा है वहीं बालिका छात्रावास की छात्राओं को अपने उपयोग हेतु पानी के लिये लगभग 200मीटर दूर जाकर सर पर पानी लाना पड रहा है। जनपद कार्यालय के पीछे इस छात्रावास में बोरिंग है परंतु जलस्तर गिरने की वजह से उसमें पानी नहीं आ रहा है। वहीं दुसरा प्रमुख कारण पास में ही निर्माणाधीन एक अन्य छात्रावास एवं मिट्टी परीक्षण केंद्र के लिये जो बोर किया गया है।
वह 700 फीट गहरा है और छात्रावास के बोर से महज 100 फीट दूर है, जिससे इस बोरिंग पर असर पडा है। छात्रावास वार्डन राजकुमारी सोनी का कहना है कि हमने बोर सुखने की सुचना जिला शिक्षाधिकारी एवं पी एच ई विभाग को लगभग एक माह में तीन बार दे चुके है परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। यदि इस बोरिंग में कुछ पाईप डालकर भी परीक्षण कर देख सकते है कि पानी आ रहा है या नहीं। वहीं दुसरा तात्कालिक उपाय यह है कि परीक्षाओं को देखते हुए पास हुए बोरिंग से छात्रावास को पानी उपलब्ध कराने के निर्देश प्रशासन जारी करे। छात्रावास के पास अतिरिक्त फंड न होने से टेंकर से पानी बुलाना भी मुश्किल हो रहा है।

बर्दवान विश्वविद्यालय में अनशन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट

एजुकेशन विजय,कोलकाता, 27 फरवरी । बर्दवान विश्वविद्यालय परिसर में अनशन पर बैठे छात्रों के साथ रात के अंधेरे में बाहर से आये लोगों ने मारपीट की। आरोप है कि हमला करने वाले तृणमूल कांग्रेस के समर्थक थे। यह घटना गत रात बर्दवान विश्वविद्यालय पसिसर में हुई। आरोप है कि जादवपुर घटना को दोहराते हुए तृणमूल समर्थकों ने लाईटें बुझा कर अनशन कर रहे छात्रों पर लाठिया बरसाई। हमले के दौरान छात्रों ने एक हमलावर को पकड लिया। बाद में उसने संवादमाध्यमो के समक्ष स्वीकार किया कि वह तृणमूल कांग्रेस का समर्थक है। उधर विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने छात्रों के साथ हुई मारपीट की घटना की आलोचना करने के बजाये उसे जायज ठहराने की कोशिश की। उपकुलपति ने कहा कि आंदोलनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय के सभी गेट पर ताला लगा दिया था। इसके चलते विश्वविद्यालय के कर्मी अंदर फंस गये थे। किसी को भी बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में कर्मियों ने अपना धैर्य खो दिया जिसकी वजह से यह घटना हुई। हालांकि बाद में उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया। गौरतलब है कि तृतिय वर्ष की परीक्षा स्थगित किये जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनो बर्दवान विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन चल रहा था। इससे पहले पुलिस ने भी आंदोलनकारी छात्रों के साथ मारपीट की थी। विपक्षी दलों ने इस घटना की पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

एनएसएस शिविर में छात्राओं ने ली बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ

एजुकेशन विजय, लखनऊ,27 फरवरी। विद्यांत हिन्दू पीजी कालेज की ओर से चल रहा सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना का शिविर शनिवार को समाप्त हो गया। लीलावती मुंशीबाल गृह मोतीनगर में छात्राओं ने आस-पास के लोगों के निराश्रित बच्चों को सफाई-पढ़ाई आदि के विषयों के लिए जागरूक किया। छात्राओं ने वृक्षारोपण, पोस्टर निर्माण को भी सीखाया। पटरा कालोनी के मालिन बस्तियों में बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ के लिए जागरूक किया।
इस मौके पर विद्यालय के प्रबंधक शिवाशीष घोष ने कहा कि महज कानून बनाने से ही कन्या भू्रण हत्या की बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता, इसे समाप्त करने के लिए हम सबको मिलकर समाज में जागरूकता लानी होगी। उन्होंने कहा कि बेटिया किसी से कम नहीं होती यह शिविर ने सिद्ध कर दिया।
प्रचार्या धर्मकौर ने कहा कि बेटियां किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। बेटियों को मौका दिया जाय तो बेटों से बढ़कर कामयाबी हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा पढ़ाई के साथ-साथ ऐसे आयोजन का होना भी अनिवार्य है।
इस मौके पर शिविर की कार्यक्रम अधिकारी ममता भटनागर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
समापन समारोह में संस्कृति समिति के अध्यक्ष डा.दिलीप अग्निहोत्री,ध्रुवकुमार त्रिपाठी, मनीष श्रीवास्तव,अमित वर्धन समेत अनेक लोग उपास्थित रहे।
 

नवमीं और ग्यारवीं की परीक्षाएं 10 से 21 मार्च तक

एजुकेशन विजय, जगदलपुर, 27 फरवरी। बस्तर हाई स्कूल में जिलेभर प्राचार्यों की बैठक हुई तथा इसमें घोषित टाइम टेबल जारी किये गये। स्कूल शिक्षा विभाग को प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
माशिमं के हाथ खींचने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग नवमीं और ग्यारवीं की परीक्षा लेगा। परीक्षा का समय दोपहर 1 बजे से 4.15 बजे तक होगा। समय सारिणी स्कूलों को उपलब्ध करवा दी गई है। इस संबंध में कल गुरूवार को बस्तर हाईस्कूल में सभी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक का आयोजन किया गया था। परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं उसी स्कूल में नहीं जांची जाएगी अन्य स्कूलों में कापियां जंचेंगी। शासन ने निर्देश जारी किया है कि शासकीय शालाओं के साथ-साथ अनुदान प्राप्त निजी शालाओं में और सीजी बोर्ड से संंबंद्ध विद्यालय पर भी समान रूप से लागू होगा।
जिले के सभी विकास खंडों में संचालित शालाओं के लिए प्रश्नपत्र खण्ड शिक्षा अधिकारियों को उनके विकास खण्ड कार्यालय में ही उपलब्ध करवाई जाएगी। खण्ड शिक्षा अधिकारी प्राचार्यों को 09 मार्च को प्रश्नपत्र वितरित करेंगे तथा प्रायोगिक परीक्षाएं भी संस्था पर आयोजित की जाएगी। प्रायोगिक परीक्षा अवकाश के दिनों में भी ली जा सकती है। परीक्षा में मात्र 15 दिन शेष है ऐसे में स्कूलों को भी जल्द ही प्रायोगिक परीक्षा लेनी होगी।
उत्तर पुस्तिकाओं की जांच उसी ग्राम पंचायत तथा नगरीय निकाय की शालाओं की ओर से नहीं किया जाएगा। मूल्यांकन कार्य का दायित्व किसी अन्य शाला के अमले को ही सौंपा जाएगा। शासन ने आदेश जारी किया है कि 31 मार्च को रिजल्ट जारी करना अनिवार्य है और 28 मार्च के पूर्व ही नवमीं और ग्यारवीं की परीक्षा होनी चाहिए। परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था भी शाला स्तर पर की जाएगी।

29 को होने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा स्थगित

एजुकेशन विजय, रांची, 27 फरवरी झारखण्ड एकेडमिक कौंसिल ने 29 फरवरी को होने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा स्थगित कर दी है। 29 फरवरी को प्रथम पाली में मैट्रिक की परीक्षा संचालित होनी थी, जो अब 3 मार्च को होगी। इसी दिन द्वितीय पाली में होने वाली इंटर की परीक्षा अब 9 मार्च को होगी। 29 फरवरी को प्रस्तावित बैंक हड़ताल को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

कैलादेवी कॉलेज ने नए सत्र में बीएड कोर्स बंद करने का दिया आवेदन

एजुकेशन विजय, ग्वालियर, 27 फरवरी। जीवाजी विश्वविद्यालय के अधीन चल रहे मां कैलादेवी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन के संचालक को मनमर्जी महंगी पड़ गई। मोटी फीस लेकर सुविधाएं नहीं दिए जाने पर छात्रों ने इस कॉलेज को नकार दिया। इसके चलते मौजूदा सत्र 2015-16 में कॉलेज की अधिकांश सीटें खाली ही रह गर्इं। खर्चा नहीं निकल पाने से कॉलेज पर ताले पड़ने की नौबत आ गई है। संबद्धता शुल्क बच जाए, इसलिए कॉलेज संचालक ने नए सत्र 2016-17 से बीएड कोर्स बंद करने का आवेदन जेयू में लगा दिया है।

जानकारी के मुताबिक शिवपुरी लिंक रोड़ पर स्थिति मां कैलादेवी बीएड कॉलेज में 100 सीटें निर्धारित थीं। पिछले कुछ वर्षों से इस कॉलेज में छात्रों का शोषण किया जा रहा था। प्रवेश के समय पर छात्रों को सारी सुविधाएं और रीजनेबल फीस बताकर प्रवेश दिया जाता था। बाद में नॉन अटेटिंग और प्रेक्टिकल व आंतरिक परीक्षा में पास के नाम पर अवैध वसूली की जाती थी। छात्रों से मनमानी फीस लेकर भी सुविधाएं नहीं देने से छात्रों का इस कॉलेज से मोहभंग होता गया। यही वजह रही कि इस साल छात्रों ने इस कॉलेज में एडमीशन लेने के कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

लिहाजा गिनी-चुनी ही सीटों पर प्रवेश हो पाए। इसलिए कॉलेज संचालक ने परिनियम 28(17)में नियुक्त स्टॉफ को कुछ माह के भीतर ही हटा दिया। स्टॉफ सहित जरूरी सुविधाएं नहीं होने पर कॉलेज की संबद्धता छीनी जाती, इससे पहले ही अब कॉलेज संचालक ने बीएड कोर्स बंद करने का आवेदन विश्वविद्यालय की संबद्धता शाखा में प्रस्तुत कर दिया है।

एनसीटीई अपनी वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध कराएगा योग शिक्षण सामग्री

नई दिल्ली! राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में योग शिक्षा में दक्ष करने के उद्देश्य से योग शिक्षा के लिए तैयार स्वयं शिक्षण एवं मुक्त शिक्षण सामग्री अपनी वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध कराएगा! एनसीटीई ने योग शिक्षा की नई नियमावली के तहत शिक्षक शिक्षा के लिए 15 कार्यक्रम तैयार किये हैं! इसके अंतर्गत देश के 18 हज़ार से अधिक संस्थाओं और करीब एक हज़ार कॉलेजों में बीएड, एमएड और डीएलएड कोर्स में अध्यनरत 14 लाख संभावित शिक्षकों के पाठ्यक्रम में योग शिक्षा अनिवार्य होगी!
एनसीटीई के योग शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रमों को एक उच्च स्तरीय विशेष समिति के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है जिसके अध्यक्ष एस व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नागेन्द्र हैं! इस समिति में कई अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर भी शामिल हैं! यह पाठ्यक्रम हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और अन्य 100 क्षेत्रीय भाषाओँ में उपलब्ध होगा ताकि यह हर राज्य में अध्ययनरत शिक्षकों के लिए प्रभावी साबित हो! उल्लेखनीय है कि देशभर के स्कूलों में बच्चों को योग प्रशिक्षण देने के लिए देश में योग शिक्षकों की भारी कमी है! इस कमी को पूरा करने के उद्देश्य से ही अध्ययनरत शिक्षकों के लिए यह ख़ास पाठ्यक्रम तैयार किया गया है! इसमें एनसीटीई द्वारा तैयार किया गया यह पाठ्यक्रम पूरी तरह कारगर साबित होगा! योग का शिक्षण पाने वाले विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के सैद्धांतिक, प्रायोगिक और इंटर्नशिप के चरणों से गुजरना होगा!
इस पाठ्यक्रम में योग सम्बन्धी कुछ ख़ास इकाइयों को जोड़ा गया है! इसमें व्यक्तित्व के विकास के लिए योग, तनाव दूर करने के लिए योग, स्वयं विकास के लिए योग, निर्देशानुसार योगाभ्यास, योग और योगाभ्यास की प्रस्तावना, यौगिक के सन्दर्भ की प्रस्तावना, योग और स्वास्थ्य, योग और शारीरिक विकास जैसी इकाइयां शामिल हैं! एनसीटीई इन सभी पाठ्यक्रमों को अपनी वेबसाइट पर पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराएगा!

Sunday 28 February 2016

Views and demands by National Independent Schools Aliiance members, at J...

HK Sharma, Founder Member, NISA, Janta Modern Public School, Education V...

Kulbhushan Sharma, President, NISA, Education Vijay at Jantar Mantar, Ne...

Principal, Aryman Public School, Lucknow, Education Vijay at Jantar Mant...

Saturday 27 February 2016

शिक्षक बनाता है यूरेका अकादमी



नवीन कुमार / प्रियम दवे
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अहम भुमिका एक शिक्षक कि होती है। एक शिक्षक ही है जो बच्चों का दिशा-निर्देशक या बच्चों को सही मार्ग दिखाता है अपने सपनों की उड़ान भरने, अपने लक्ष्य को हासिल करने में और समाज में अपनी एक पहचान बनाने में एक शिक्षक का ही हात होता है बच्चों को मार्ग और उनके कर्तव्यों उनकी जिम्मेदारीयों से उन्हें रू ब रू कराता है बच्चे के भविष्य में एक शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसी बीच एजुकेशन विजय ने बात की दिल्ली के जी.टी.बी नगर में स्थित ‘यूरेका अकादमी’ से जो शिक्षकों को  कई वर्षो से प्रशिक्षित कर रहा हैं।
यूरेका अकादमी के संस्थापक ए.के.श्रीवास्तव जी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस संस्था कि शुरूआत सन् 1995 हुई थी और इस संस्था कि शुरूआत केवल एक बच्चे से हुई और शुरू में उन्हें बहुत सी परेशानियों का भी सामना करना पढ़ा। लेकिन अपने विष्वास और हौसले को कायम रख वह आगे बढ़ते गए। उसी का परिणाम है कि आज उनके एक बैच में 30 बच्चे पढ़ते है और संस्था से हजारों बच्चे शिक्षा ले चुके हैं।
उन्होंने बताया कि संस्था से पढ़कर गए बच्चे पूरे भारत में अच्छी जगह कार्यरत है और आगे बच्चों को शिक्षा दे रहे है उन्होंने कहा कि संस्था से 30 प्रतिशत बच्चे हर बार पास होते है उनका कहना कि बच्चों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है क्योकि जिसके पास सरस्वती है उसको रोजगार कि कमी नहीं हैं। वह चाहते है कि वो इस देश को अच्छे से अच्छा और ज्यादा से ज्यादा शिक्षक दे। ताकि बच्चों को एक सही दिशा और मार्ग दिखा सके। क्योकि बच्चों को जरूरत है दिशा-निर्देशक की और उससे ज्यादा जरूरी है बच्चों को अपने शिक्षक का आदर करना। 

“आसमा एकेडमी” से भरें उड़ान



नवीन कुमार
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में, जहां अभिभावकों के पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं है। ऐसे समय में बच्चों की जरूरत हैं ऐसे शिक्षक की, जो सिर्फ शिक्षक न होकर एक अभिभावक की भी भूमिका निभाएं। शिक्षक ऐसा हो जो सलाहकार हो, मददगार हो, प्रोत्साहन देने वाला हो और उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर उनको पंख दे सके जिससे उनके सपनों की उड़ान कभी अधूरी न रहे। दिल्ली स्थित मुखर्जी नगर की आसमा एकेडमी में आपको ऐसे ही बेहतरीन शिक्षक मिलेंगे। उनकी जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए एजुकेशन विजय पहुंचा इस संस्थान तक और बात की इसके संस्थापक लक्की नारंग जी से। 
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि संस्था की शुरूआत 2002 में 7 बच्चों के साथ हुई थी और यहां आज करीब 200 बच्चे  अध्ययनरत हैं। हालांकि शुरूआती दिनों में संस्था के सामने बहुत सी परेशानियां आईं लेकिन उन परेशानियों से लड़ते हुए संस्था ने अपने आप को स्थापित किया। आज संस्था में ऐसे अनुभवी शिक्षक हैं जो कि सिर्फ शिक्षक न होकर एक सलाहकार की भी भूमिका निभाते हैं।
नारंग जी ने कहा कि संस्था बच्चों की योग्यता और उनकी क्षमता के अनुसार उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए सलाह देती है और बच्चों को कम फीस में बेहतर ज्ञान देने की कोशिश करती हैं। उन्होंने कहा कि संस्था में ज्यादातर बच्चे सरकारी स्कूलों से है और हम कई बच्चों को बिना फीस के भी पढ़ाते हैं।
उन्होंने कहा कि यहां पढ़ाई के लिए समय की कोई पाबंदी नहीं है वह अपने समय के अनुसार यहां पढ़ सकते हैं और शिक्षक भी पढ़ाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं हर रविवार बच्चों के लिए यहां टेस्ट रखा जाता है, जिसमें अच्छे नम्बर लाने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिया जाता है। संस्था की तरफ से बच्चों को स्टेशनरी भी दी जाती है।       
अंत में आज शिक्षा सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में अच्छे शिक्षकों की भारी कमी है, इसकी पूर्ति के लिए और शिक्षा में सुधार लाने के लिए सरकार को कुछ दूरगामी योजना बनाने की आवश्यकता है।

Facilitate numerous ways to be the world-class engineer: Swell Institute




Priyam Dave/Naveen Kumar
Education Vijay, New Delhi.  The sphere of polytechnic has facilitated a numerous way to be the best engineer. This diploma course has made an elementary way for students. Whether, it’s a Mechanical, Electrical or Automobile Engineer or others, it’ll assist in boost up the technical knowledge of a student from the beginning.
And now it's even bit effortless for the students to break through polytechnic entrance examination. And the foremost guide assisting in entrance examination: SWELL INSTITUTE-coaching peculiar for polytechnic and B.Tech entrance examinations.
During the chat with ‘Education Vijay’, Meenakshi Varma, Manager, Swell Institute, said, “This is peculiarity for students appearing in polytechnic and B.tech entrance examination. It was established in 2008. Essentially, this plan was the brainbox of C.K. Varma. He discovered that not even a single institute luxuriate within the entrance examinations for polytechnic and B.tech. Therefore, he adjudicated to start up an institution peculiar for polytechnic students.”
Adding up on the centre pin-point i.e. fee structure of institution, she articulated,” The fees structure of the institution is not too high. She said,” We render special price reduction for the students from non-financially family background. We enquire nominal price for study material.”   
She further added, “This diploma course is an elementary way for students to be an engineer. But they further need to add up with several latest substitute courses for germinating their technical and latest software skills instances: AutoCAD, Animations etc.” While focusing on flaws of Polytechnic education system, she mentioned,” The polytechnic colleges don’t render appropriate technical knowledge to the students, which however make students feel like being fraudulent.”
“It’s an upper-hand for students who opt for polytechnic to get into the field of engineering. They have crisp of knowledge and can lean towards what they want to be.” She mentioned.
Parents and Students should co-operate others to connect with trust and confidence. Parents should let offspring proceed their dreams. Precede your ambition to be an engineer, together with Swell Institute, GTB Nagar, New Delhi. 

Logical thinking is must to crack competitive examinations: Polaris Edutech Academy


Priyam Dave/Naveen Kumar
Education Vijay, New Delhi. Teaching is not merely a profession. It is an allegiance to help students to not only succeed in competitive exams, but to create a passion for scientific and logical thinking, which would help them succeed in all facets of life.
During the chat with ‘Education Vijay’, Mr. Vijay, Director, Polaris Edutech Academy said, “Polaris Edutech Academy is well structured Institute having a squad of competent professionals with proven track records in their respective fields. We are based on the belief that our students’ needs are of the most importance.”
He further added, “Our faculty is committed to meet those needs. We are ablaze to accomplish high success rate in variant examinations and also look forward to get new enrolment from referrals. We would welcome the opportunity to earn your trust and render you the foremost services in the industry.”
He said, “Centring on the vision, to become India's most reputed, enormous, trustworthy, relevant and reliable Institution in the field of education and teaching. We also visualize becoming most preferred institute who provides best workplace environment and opportunities to acquire and develop.”
“Polaris teaching is grounded on the pedagogical philosophy of conceptual lucidity leading to integrated thinking, further leading to logical problem solving.” He aforesaid.
Concentrating on courses accustomed in the institute, he further articulated, “We offer courses to accomplish the needs of all the students. For SSC, IBPS and crash courses, for those students consenting to aim jobs related to SSC, IBPS (insurance sector), Bank PO or any different competitive examinations.”
In the world of competency in government jobs cognitive knowledge is mandatory for applicants. Polaris Edutech Academy, settled in GTB Nagar, New Delhi provides you the world-class scientific and logical thinking which is must to break through these examinations. He communicates the message to all the government jobs aspirants.

Thursday 25 February 2016

माशिमं की परीक्षाओं में 722 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी

(बारहवीं बोर्ड की परीक्षा 23 से और दसवीं की 24 फरवरी से शुरू होगी)

 एजुकेशन विजय रायपुर 22 फरवरी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा कल 23 फरवरी से सवेरे नौ बजे से शुरू हो रही है। बारहवीं कक्षा की यह परीक्षा 14 मार्च तक चलेगी। मंडल द्वारा आयोजित कक्षा दसवीं की हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा 24 फरवरी से शुरू होगी और 14 मार्च तक चलेगी। बारहवीं के परीक्षार्थियों के लिए एक हजार 895 और दसवीं के लिए एक हजार 986 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं।
दोनों परीक्षाओं में सात लाख 22 हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें से  दो लाख 79 हजार 906  परीक्षार्थी बारहवीं कक्षा और चार लाख 40 हजार 282 परीक्षार्थी दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। इनके अलावा दोनों कक्षाओं के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में लगभग दो हजार 108 परीक्षार्थी शामिल होंगे। उनके लिए सभी 27 जिलों में कुल 72 परीक्षा केन्द्र बनाए गए है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दोनों परीक्षाओं के आयोजन के लिए सभी जिलों में वहां के प्रशासन के सहयोग से तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी परीक्षा केन्द्रों में छात्र-छात्राओं के लिए पेयजल, फर्नीचर और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। नकल रोकने के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर उड़नदस्तों का गठन किया गया है, जो छापामार शैली में परीक्षा केन्द्रों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण करेंगे। 
बारहवीं बोर्ड के लिए सर्वाधिक 140 परीक्षा केन्द्र राजनांदगांव जिले में बनाए गए हैं। बिलासपुर जिले में 131, रायपुर जिले में 126, रायगढ़ जिले में 118, दुर्ग जिले में 109, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 108 और जांजगीर-चाम्पा 101 परीक्षा केन्द्रों की स्थापना की गई है। महासमुन्द जिले में 97, बालोद जिले में 89, कांकेर जिले में 87, कोरबा जिले में 78, जशपुर जिले में 69, धमतरी जिले में 62, बस्तर (जगदलपुर) जिले में 60, सूरजपुर जिले में 60, कोण्डागांव जिले में 57, सरगुजा जिले में 57, बेमेतरा जिले में 55, कोरिया जिले में 53, कवर्धा जिले में 51, बलरामपुर जिले में 46, गरियाबंद जिले में 45, परीक्षा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। मुंगेली जिले में 44, बीजापुर जिले में 17, दंतेवाड़ा जिले में 17, सुकमा जिले में 10, और नारायणपुर जिले में 08 परीक्षा केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
दसवीं बोर्ड के लिए बनाए गए एक हजार 986 परीक्षा केन्द्रों में से सर्वाधिक 144 परीक्षा केन्द्र राजनांदगांव जिले में हैं। बिलासपुर जिले में 141, रायपुर जिले में 129, रायगढ़ जिले में 125, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 118, दुर्ग जिले में 110 और महासमुन्द जिले में 102 परीक्षा केन्द्रों की स्थापना की गई है। दसवीं के परीक्षार्थियों के लिए जांजगीर-चांपा जिले में 102, बालोद जिले में 93, कांकेर जिले में 92, कोरबा जिले में 85 और जशपुर जिले में 72 परीक्षा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उनके लिए बस्तर (जगदलपुर) जिले में 63, कोण्डागांव जिले में 62, धमतरी जिले में 62, सूरजपुर जिले में 61, सरगुजा जिले में 58, कोरिया जिले में 57 और बेमेतरा जिले में 57 केन्द्र बनाए गए हैं।  कवर्धा (कबीरधाम) जिले में 55, बलरामपुर जिले में 48, गरियाबंद जिले में 47, मुंगेली जिले में 47, बीजापुर जिले में 17, दंतेवाड़ा जिले में 17, सुकमा जिले में 12, और नारायणपुर जिले में 09 परीक्षा केन्द्रों की स्थापना दसवी बोर्ड के लिए की गई है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बारहवीं बोर्ड के लिए घोषित टाईम टेबल के अनुसार 23 फरवरी दिन मंगलवार को पर्यावरण विषय का पेपर होगा। इसके बाद 25 फरवरी दिन गुरूवार को प्रथम भाषा विशिष्ट - हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, उर्दू और 27 फरवरी दिन शनिवार को द्वितीय भाषा सामान्य - हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी, ऊर्दू, पंजाबी, सिंधी, बंगाली, गुजराती, तेलंगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़ तथा उडि़या विषय की परीक्षा होगी। एक मार्च मंगलवार को राजनीति विज्ञान, रसायन शास्त्र, एप्लाइट एकोनामिक्स एंड कामर्शियल ज्योग्राफी, इण्डस्ट्रीयल आर्गनाइजेशन, क्राम प्रोडक्शन एंड हार्टिकल्चर, स्टील लाइफ एंड डिजाइनिंग तथा शरीर क्रिया विज्ञान एवं प्राथमिक चिकित्सा विषय की परीक्षा आयोजित है। तीन मार्च गुरूवार को अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान, बुक कीपिंग एंड एकाउन्टेंसी, एलीमेंटस  आफ एनिमल हसबेण्ड्री एंड पोल्ट्री फार्मिंग, हिस्ट्री आफ इंडियन आर्ट तथा एलीमेंट्स ऑफ साइंस विषय की परीक्षा होगी। पांच मार्च दिन शनिवार को गणित विषय और आठ मार्च दिन मंगलवार को वाणिज्यिक गणित, संस्कृत (मानविकी समूह) तथा संस्कृत विशिष्ट (प्रथम भाषा) विषय की परीक्षा आयोजित है।
नौ मार्च दिन बुधवार को इतिहास, भौतिक शास्त्र, एलिमेंट्स आफ कार्मस एंड मेनेजमेंट, एलीमेंट्स ऑफ सांइस एण्ड मैथ्स फार एग्रीकल्चर, ड्राईंग एंड पेटिंग, फूड एंड न्यूट्रेशन आहार एवं पोषण विषय और दस मार्च दिन गुरूवार को कम्प्यूटर एप्लीकेशन (कला एंड वाणिज्य) विषय की परीक्षा ली जाएगी। 11 मार्च दिन शुक्रवार को भारती संगीत, ड्राईंग एंड डिजाइनिंग, डासिंग, स्टेनो टायपिंग, कृषि, समाज शास्त्र, मनो विज्ञान, होम साइंस एनाटामी फिजियोलॉजी और 14 मार्च दिन सोमवार को भूगोल विषय की परीक्षा होगी।

 दसवीं बोर्ड की घोषित समय सारिणी के अनुसार पहले दिन 24 फरवरी बुधवार को पर्यावरण विषय की परीक्षा आयोजित है। अगले दिन 26 फरवरी शुक्रवार को प्रथम भाषा (विशिष्ट)-हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, 29 फरवरी सोमवार को गणित और 02 मार्च बुधवार को सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी। 04 मार्च शुक्रवार को तृतीय भाषा-संस्कृत, मराठी, बंगाली, गुजराती, तेलगू, तमिल, पंजाबी, उर्दू, सिंधी, मलयालम, कन्नड़ तथा उडि़या विषय का प्रश्नपत्र होगा। 08 मार्च मंगलवार को विज्ञान, 10 मार्च गुरूवार को द्वितीय भाषा व तृतीय भाषा-सामान्य हिन्दी और 12 मार्च शनिवार को द्वितीय भाषा व तृतीय भाषा-सामान्य अंगेजी विषय की परीक्षा होगी। 14 मार्च सोमवार को व्यावसायिक पाठ्यक्रम-रिटेल इंण्डस्ट्री, आई.टी. एप्लीकेशन, ऑटोमोबाइल, हेल्थ केयर, एग्रीकल्चर, केवल दृष्टिहीन छात्रों के लिए संगीत और केवल मूक तथा बधिर छात्रों के लिए ड्राइंग एण्ड पेंटिग के प्रश्नपत्र होंगे।

शिक्षा राज्य मंत्री ने की वीडियो कॉन्फ्रेन्स

 एजुकेशन विजय  जयपुर, 22 फरवरी। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने शिक्षा सम्बलन अभियान के 24 से 27 फरवरी के मध्य आयोजित होने वाले द्वितीय चरण को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किये जाने का आह्वान किया हैं। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में विद्यालयों का सघन निरीक्षण कर वहां की शैक्षिक गुणवत्ता के साथ ही विद्यालयों के बेहतर संचालन के लिए विद्यालय प्रबन्धन समितियों की बैठकें आयोजित करवाकर और अधिक सुदृढ़ किये जाने पर जोर दिया है।
प्रो. वासुदेव देवनानी ने सोमवार को सभी जिला कलेक्टर्स एवं जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से बात की। उन्होंने कहा कि इस बार सम्बलन में अक्टूबर माह में प्रथम चरण में हुए सम्बलन अभियान में रही कमियों और उन्हें दुरूस्त करने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा भी मौके पर स्कूलों में ही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सम्बलन अभियान के इस द्वितीय चरण में प्रत्येक अवलोकनकत्र्ता अधिकारी को तीन दिवस में तीन विद्यालयों के अवलोकन के निर्देश दिए गए हैं। इन तीन में से एक विद्यालय वह होगा जो सम्बलन के प्रथम चरण में अवलोकित किया गया हैं। वह प्राथमिक स्तर एवं उच्च माध्यमिक स्तर का भी हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों हेतु शेष दो में से एक प्रारम्भिक शिक्षा तथा दूसरा माध्यमिक शिक्षा का होगा। उन्होंने सम्बलन के इस चरण में उन विद्यालयों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं जिनमें सम्बलन के अब तक के किसी भी चरण में अवलोकन नहीं हुआ हैं।

आइपीएफ ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

एजुकेशन विजय इलाहाबाद, 22 फरवरी । उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों को तत्काल नियुक्ति करने, लंबित चयन प्रक्रिया को छह माह में पूरा कराने व प्रदेश के महाविद्यालयों में सभी खाली सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को शुरू कराने के संबंध में आई.पी.एफ के जिला प्रभारी राजेश सचान ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष सहित कई सदस्यों के पद खाली होने से कई माह से आयोग के कामकाज ठप हैं। गौरतलब है कि पूरे प्रदेश के महाविद्यालयों में खाली पदोंके सापेक्ष बेहद कम पदोंं के लिए सरकार द्वारा सहायक प्रोफेसर की भर्ती हेतु आयोग द्वारा विगत छह वर्षों से ज्यादा की समयावधि में विज्ञापन संख्या 43 से लेकर 46 तक निकाला गया था। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के अभाव, भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद के गंभीर आरोपों की वजह से ही 43 से 45 तक के विज्ञापन को रद्द कर दिया गया और हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विज्ञापन संख्या 46 के तहत जो परीक्षाएं आयोग द्वारा आयोजित कराई गई है, उसके लिखित परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है।

इसी तरह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का भी कामकाज ठप है और विगत दिनों इलाहाबाद में छात्रों के हुए आंदोलन के बाद शासन के निर्देश पर चयन बोर्ड सचिव द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि चयन बोर्ड में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति 29 फरवरी तक हो जायेगी। परन्तु उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में शासन द्वारा कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया है जिससे छात्रों में भारी आक्रोश है। ऐसी स्थिति में समस्याओं के समाधान कराने का आग्रह किया गया है।

Wednesday 24 February 2016

पीएम के हाथ सम्मान पा दिव्यांग छात्रा पंखुड़ी अभिभूत,पोर पोर दिखा उल्लास और उमंग

एजुकेशन विजय वाराणसी,22फरवरी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में आयोजित 98वें दीक्षान्त समारोह में अपने बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पाकर छात्रो का उत्साह सातवे आसमान पर दिखा। युवा मन के चितेरे प्रधानमंत्री ने भी अपने खास अन्दाज और शालीनता के साथ छात्रो को अगले सौ साल का विजन दे अपने अंदर के जिज्ञासु और विद्यार्थी भाव को मरने न देने का आह्वान कर दिल जीत लिया। कहा कि ये दीक्षांत समारोह है, हम ये कभी भी मन में न लाएं कि ये शिक्षांत समारोह है।" उन्होंने आगे कहा कि "जिज्ञासा बहुत जरूरी है। अगर जिज्ञासा नहीं है तो इसका मतलब गतिहीनता है। हमारे अंदर का विद्यार्थी हमेशा जीवित रहना चाहिए। हमे अगर ज़िन्दगी में सफलता पानी है तो उसकी पहली शर्त होती है की हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मुरझाना नहीं चाहिए । मेडल देने के दौरान मंच पर बीएससी मैथ की टापर दिव्यांग छात्रा  पंखुड़ी जैन को खुद प्रमाण पत्र देने के बाद झुक कर प्रणाम कर पीएम उनके लिए नजीर बन गये। बीएचयू के सौ साल के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पीढ़िया खपाने वाले गुरूजनो,कर्मचारियो,अफसरो के मेहनत और पसीने को सलाम कर पीएम ने पंडाल में जमकर तालिया बटोरी। 
इसके अलावा सर्वोच्च अंक पाये मेधावी छात्र श्रीकान्त मिश्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय,धीरज पाण्डेय स्नातकोत्तर परीक्षा 2015 में सर्वोच्च अंक,प्रशस्ति सिंह विज्ञान संकाय की स्नातक परीक्षा में सर्वोच्च अंक  को भी हाथ मिलाकर शाबासी दी । 
————बीएचयू की गरिमा देश में जन जन तक पहुंचाने का संकल्प भी दिलाया 
प्रधानमंत्री ने दीक्षान्त समारोह में कहा कि महामना ने आज से सौ साल पूर्व बीएचयू के जिस बीज को रोपा था आज वह विशाल ज्ञान विज्ञान का प्रेरणा का वटवृक्ष् बन चुका है। महामना ने भारत की महान परम्परा और शिक्षा संस्कारो की थाती दी। उसको देश के जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है। जिससे पूरी दुनिया में जिस तरह प्राचीन विश्वविद्यालय नालनन्दा और तक्षशिला की छवि भी वह बीएचयू की बने।
—————बीएचयू के आगामी सौ साल का विजन भी दिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीक्षान्त भाषण में बातो बातो में ही सहजता से बीएचयू के सौ साल के विजन को भी रख दिया। प्रभावशाली ढ़ंग से ग्लोबल वार्मिग,पर्यावरण बदलाव (क्लाइमेट चेंज)सोलर एनर्जी आदिवासियो के बीच रोगो को समाप्त करने,मानवता के कल्याण के लिए  विद्यार्थियो के मन को झकझोर इनोवेशन और अनुसंधान के लिए प्रेरणा दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने दीक्षान्त समारोह में प्रकृति प्रेम का उदाहरण चन्दा मामा नदियो को मां का दर्जा दे स्कूल स्तर के विद्यार्थियो को भी इसमें शामिल करने पर बल दिया। कहा इससे उनके अन्दर भी मेधावी बनने की प्रेरणा मिलेगी। और वे दीक्षान्त समारोह का मतलब समझ जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे। 
——————————जब पंडाल में ही छात्रसंघ की मांग उठी
दीक्षान्त समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदगी में बीएचयू छात्रसंघ बहाली का मुद्दा उठ गया।  समारोह के दौरान अर्थशास्त्र के छात्र आशुतोष सिंह ने छात्रसंघ के समर्थन में नारे लगाए और बार-बार प्रधानमंत्री से छात्रसंघ बहाली की घोषण की अपील की। यह देख पुलिस ने पहले छात्र को धक्का देकर गिरा दिया और फिर उसकी पिटाई कर दी। और उसे गिरफ्तार कर लिया ।
दरअसल, दीक्षांत समारोह के दौरान इकोनॉमिक्स ऑनर्स द्वितीय वर्ष के छात्र अाशुतोष सिंह बार-बार प्रधानमंत्री से छात्रसंघ बहाली की मांग कर रहा था। उसकी तेज आवाज को खुद पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संज्ञान में लिया। बार-बार छात्रसंघ के समर्थन में नारे लगाने से पुलिस हैरान रह गई और उसने छात्र को पहले धक्का देकर गिरा दिया।

हाईस्कूल की परिक्षाएँ 3 व इण्टर की 4 मार्च से प्रारम्भ

एजुकेशन विजय रूड़की, 22 फरवरी। रूड़की सहित पूरे जनपद हरिद्वार में उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल की परिक्षाएँ 3 मार्च से जबकि इण्टर मीडिएट की परिक्षाएँ 4 मार्च से आरम्भ हो रही है।
इस बार होने वाली बोर्ड परीक्षा में छात्र छात्राओं की संख्या में गिरावट आई है। जबकि केन्द्रों की संख्या गतवर्ष की अपेक्षा तीन अधिक है। जिले में कुल परीक्षा केन्द्रों की संख्या 82 है। जिनमें से 30 केन्द्र संवेदनशील घोषित किए गये हैं। जबकि 8 परीक्षा केन्द्रों को अतिसंवेनशील की श्रेणी में रखा गया है।
बोर्ड परीक्षा में इस बार छात्र व छात्राओं दोनों की संख्या में कमी आई है। हाईस्कूल परीक्षा में शामिल हो रहे कुल 23954 परीक्षार्थियों में से 12783 छात्र और 11171 छात्राएँ हैं। जबकि गत वर्ष की बोर्ड परीक्षा में शामिल 24668 परीक्षार्थियों में से 13450 छात्र व 11278 छात्राएँ थी। इसी तरह इण्टर मीडिएट की परीक्षा में शामिल हो रहे कुल 17917 परीक्षार्थियों में से 10534 छात्र व 7583 छात्राएँ हैं। गत वर्ष की बोर्ड परीक्षा में शामिल कुल 19891 परीक्षार्थियों में से 11159 छात्र व 8752 छात्राएँ शामिल थी। वर्ष 2015 की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल व इंटर के कुल परीक्षार्थियों की संख्या 44559 थी जो इस बार घट कर कुल संख्या 41871 रह गई है।
जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक पुष्पा रानी के अनुसार बोर्ड परीक्षा की सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में पूरी सावधानी बरती है। नकलविहीन बोर्ड परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए 82 परीक्षा केन्द्रों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों के पाँच सचल दल बनाए गये हैं। जो प्रत्येक दिन दोनों पालियों में होने वाली परीक्षा का औचर निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा सभी केन्द्रों का अपना सचल दल भी होगा जो छात्रों के केन्द्र में प्रवेश करने के दौरान चेकिंग कर यह सुनिश्चित करेगा कि वह परीक्षा कक्ष में कोई नकल सामग्री तो नहीं ले जा रहा है।

कुलपति ने लिया विवि में तैयारियों का जायजा

एजुकेशन विजय जयपुर, 21 फरवरी। राजस्थान विश्वविद्यालय में 24 से 27 फरवरी तक विवि अनुदान आयोग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्( नैक) के एक उच्च स्तरीय दल द्वारा दौरा किया जायेगा। दौरे के मद्देनजर विवि के सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं संघटक महाविद्यालयों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शिक्षण कार्य को छोडकर रविवार का सार्वजनिक अवकाश निरस्त किया गया।
विवि जनसम्पर्क प्रकोष्ठ के अनुसार रविवार कुलपति जे.पी. सिंघल ने इस संबंध में चल रही तैयारियों का जायजा लिया, कुलपति विवि के प्रशासनिक भवन सहित अन्य विभागों में पहुंचे व वहां चल रही तैयारियों की प्रगति के संबंध में जानकारी ली, व अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।

Saturday 20 February 2016

शिक्षा के साथ जरूरी है सही मार्गदर्शन- रेनू कुमरा, शिक्षक

नवीन कुमार
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। समय के साथ जीवन में शिक्षा का महत्व इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है, आज हर बच्चे की जरूरत है एक दिशा और एक दिशा-निर्देशक। ऐसे में अगर आपका शिक्षक या शिक्षण संस्थान ही आपका दिशा-निर्देशक बन जाए तो इससे बेहतर और क्या होगा। कुछ इसी तरह से बच्चों का मार्ग दर्शन कर उन्हें उनका जीवनमार्ग दिखाने का काम कर रहा है दिल्ली के GTB नगर का RKC संस्थान। संस्था की डायरेक्टर रेनू कुमरा ने एजुकेशन विजय से बात चीत के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया।
शिक्षा के क्षेत्र में 12 सालों के लंबे अनुभव के बाद रेनू ने 6 साल पहले RKC संस्थान की स्थापना कर बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया। अब तक उनके संस्थान से 1000 से भी अधिक छात्र पढ़ चुके हैं।
आपको बताते हैं इस बातचीत के कुछ खास अंश...
उनका कहना है कि आज के इस प्रतियोगिता के दौर में विद्यार्थी जीवन में आपका शिक्षण संस्थान बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा केंद्र का माहौल और परिवेश आपकी पढ़ाई पर काफी असर डालते हैं।
उनका कहना है कि आज कल निजी शिक्षण संस्थान पैसों के लालच में बच्चों से लुभावने वादे कर देते हैं और जबकि हकीकत में संस्थान में वो सुविधाएं नहीं दी जातीं है। जिसके चलते बच्चे तकनीकी ज्ञान से वंचित रह जाते हैं और बच्चों का मनोबल कम हो जाता है। लेकिन हमारी संस्था बच्चों को सही दिशा दिखाने में और उनके सपनो को पूरा करने में पूरी मदद करती है ताकि जो भी बच्चा संस्था से बाहर निकले वो इस प्रतियोगिता के दौर में किसी से पीछे न रह जाये। उन्होंने कहा कि जब यहां के किसी छात्र को कहीं सफलता मिलती है तो बेहद खुशी मिलती है।

अंत में उन्होंने कहा कि आज युवाओं के लिए सही मार्गदर्शन भी उतना ही जरूरी है जितनी की शिक्षा।

Thursday 18 February 2016

10 हजार से भी अधिक बच्चों को प्रशिक्षण दे चुका है मल्टी टेक कम्प्यूटर्स



नवीन कुमार
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। आज के समय में किताबी ज्ञान के साथ-साथ उतना ही ज़रूरी है बच्चों में तकनीकी ज्ञान होना। समय के साथ देश में पिछले एक दशक में बहुत से छोटे-बड़े कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान बड़ी तेजी से उभरे हैं। इस दौरान तमाम निजी शिक्षण संस्थानों ने तकनीकी ज्ञान के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्हीं में से एक है दिल्ली स्थित GTB नगर का मल्टी टेक कम्प्यूटर्स, जो पिछले 12 सालों से बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा दे रहा है।
मल्टी टेक के संस्थापक श्री विरेंदर सिसोदिया ने एजुकेशन विजय से बातचीत के दौरान बताया कि संस्था से अब तक 10 हजार से भी अधिक बच्चे कम्प्यूटर की शिक्षा ले चुके हैं साथ ही साथ यहां आयकर, इकोनॉमिक्स्, अंकगणित जैसे कई अन्य विषय भी पढ़ाये जाते हैं। यहां हरेक विद्यार्थी पर खास ध्यान दिया जाता है ताकि वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन में अपना लक्ष्य पा सके।
उन्होंने ये भी बताया कि संस्था से पढ़कर गए बच्चे आज अच्छी जगहों पर कार्यरत हैं और संस्था रोजगार के लिए भी हर बच्चे की मदद करती है। उनका मानना हैं कि देश का हर नागरिक सुशिक्षित हो और उसे तकनीकी ज्ञान भी हासिल हो, शिक्षा पर सबका समान अधिकार है और यह हर किसी के लिए जरुरी भी है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था बच्चों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर कम फीस में भी अच्छा ज्ञान देने की कोशिश करती है। हमारी संस्था हमेशा से बेहतर शिक्षा के लिए समर्पित रही हैं और आने वाले समय भी समाज में शिक्षा को बढ़ाने के लिए हम प्रयासरत रहेंगे।  

Wednesday 10 February 2016

ऑनलाइन स्टडी के लिए मशहूर हैं शरद केडिया



एस. अनूप बाग/ कमलेश तिवारी
एजुकेशन विजय, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में ऑनलाइन का क्रेज जिस तरह बढ़ रहा है, ऐसे में ऑनलाइन-स्टडी भी किसी वरदान से कम नहीं है। प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण केन्द्र Aim&Achieve के डायरेक्टर ने ‘एजुकेशन विजय’ के साथ खास बातचीत में बताया कि आज इंटरनेट के प्रसार के बाद छात्र घर बैठे किस तरह ऑनलाइन स्टडी भी कर सकते हैं।
उन्होंने अपने करियर में संघर्ष के पलों को साझा किया। बताया कि एक छात्र के जीवन में ज्ञान और अनुभव के क्या मायने होते हैं। कहा कि वह IIT खड़गपुर से पढ़ाई के बाद औऱ IT सेक्टर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर 11 साल के कार्य के उपरांत अक्टूबर 2015 में Aim&Achieve संस्थान की स्थापना की। आज आधुनिकता के दौर में छात्रों के ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति आकर्षण और इन्टरनेट की पहुंच को देखते हुए श्री केडिया ने वीडियो क्लासेस के माध्यम से उन छात्रों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा जिनके पास इन्टरनेट की सुविधा तो है, मगर उनके इलाके में अच्छे शिक्षण संस्थानों की कमी है।
वह बताते हैं कि एक साल से भी कम समय में Aim&Achieve संस्थान ने 200 से भी अधिक छात्रों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया है। जानकारी दी कि इस संस्थान से प्रशिक्षण के बाद कई अभ्यर्थी आज दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पुलिस और एलआइसी जैसी बड़ी जगहों पर कार्यरत हैं।
श्री केडिया अपने सपने को सिर्फ दिल्ली तक सीमित न रखकर बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी, राजस्थान और पंजाब के भी परीक्षार्थीयों को तैयार कर रहे हैं। सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को होने वाली दिक्कतों के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि अक्सर अभ्यर्थी परीक्षाओं की तैयारी में जल्दबाजी करते हैं और ऐसे में वह गलतियां कर बैठते हैं। बताते हैं कि तैयारी के लिए उन्हें संबंधित पाठ्यक्रम को समझने के लिए समय देना चाहिए। परीक्षा से पहले सारी दुविधाएं दूर कर ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देकर परीक्षा का अभ्यास करना सबसे बेहतर तरीका है।
वह देश के तमाम छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहते हैं कि जीवन में आगे बढ़ने का एक ही मूलमंत्र है कि बिना समय गंवाए कड़ी मेहनत और सच्ची निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश में जुट जाना।

DQ school of Visual Arts- A Journey Close to Your Dreams


Priyam Dave /Naveen Kumar

Education Vijay New Delhi. Today in the world of Media, Animation has created its own grandness among the crowd. It has made a deranged involvement among people. People are anxious for cognition and experience of Animation. Mr. Abhinav, DQ school of Visual Arts, during his chaffer with “Education Vijay” communicates, “DQSVA, provides foremost training in Animation. The training is structured to groom the students to enter into ferocious competitive world of media and animation.”

He further alleged, “DQSVA boasts of a high placement record of its students and vital number of students groomed in the School, have been employed with animation and gaming companies in India.”

Averring, “DQSVA was entrenched Six years back, add together with their own production house. The makers of the ‘Jungle Book’, offers a particular degree from University approved by UGC, AICTE & DEC.” Also that“DQ School of Visual Arts have been recognized by illustrious International Awards.”

He further said that, “We also contributed in gigantic project like ‘Bahubali’ and others.
Priyam Dave /Naveen Kumar

Education Vijay New Delhi. Today in the world of Media, Animation has created its own grandness among the crowd. It has made a deranged involvement among people. People are anxious for cognition and experience of Animation. Mr. Abhinav, DQ school of Visual Arts, during his chaffer with “Education Vijay” communicates, “DQSVA, provides foremost training in Animation. The training is structured to groom the students to enter into ferocious competitive world of media and animation.”

He further alleged, “DQSVA boasts of a high placement record of its students and vital number of students groomed in the School, have been employed with animation and gaming companies in India.”

Averring, “DQSVA was entrenched Six years back, add together with their own production house. The makers of the ‘Jungle Book’, offers a particular degree from University approved by UGC, AICTE & DEC.” Also that“DQ School of Visual Arts have been recognized by illustrious International Awards.”


He further said that, “We also contributed in gigantic project like ‘Bahubali’ and others.