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Thursday 31 March 2016

पूर्व छात्रों ने किया स्कूल बंद करने का विरोध

एजुकेशन विजयहरिद्वार, 31 मार्च। भगत सिंह विचार प्रचार समिति के बैनर तले विद्या मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल के पूर्व छात्रों ने स्कूल के गेट के बाहर प्रदर्शन कर स्कूल बंद किए जाने के प्रति विरोध जताया। समिति के अध्यक्ष वरूण बालियान ने कहा कि भेल प्रशासन द्वारा अचानक से स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पूरी तरह अनुचित है। स्कूल ने देश प्रदेश को कई प्रतिभाएं दी हैं। हरिद्वार के हजारों लोगों का अतीत और भावनाएं इस विद्यालय से जुड़ी हुई हैं। शहर में एक और जहां रोज नए स्कूल खुल रहे हैं।वहीं विद्या मंदिर जैसे प्रतिष्ठित स्कूल को बंद किया जा रहा है। स्कूल चलाने में यदि कोई समस्या है तो प्रबंधन को इसे सार्वजनिक करना चाहिए। विद्यालय के पूर्व छात्र सचिन चैधरी ने कहा कि भेल प्रशासन के स्कूल बंद करने से निर्णय हजारों पूर्व छात्रों की भावनाएं आहत हुई हैं। सैकड़ों छात्रों का भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। पूर्व छात्र संजयपाल ने कहा कि भेल का शिक्षा बोर्ड कम छात्रों की जिस समस्या की आड़ में स्कूलों को बंद करने का प्रयास कर रहा है। वह निंदनीय है। मैनेजमेंट को स्कूल बंद करने के बजाए इस पर मंथन करना चाहिए कि छात्रों की संख्या कम क्यों हो रही हैं। यदि इसमें वास्तव में सच्चाई है तो स्कूल का स्तर सुधारना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों में राजेश नेगी, अजेश, सुरेश, प्रिंस शर्मा, सचिन बेनीवाल, अवधेश यादव, भूपेंद्र वशिष्ठ, रवि दर्शन सिंह, जयकेश गिरी, गौरव प्रधान, अशोक, अतुल, रिंकी, आदर्श कुमार, आशीष शर्मा, फैसल, नीरज कुमार, शशांक सिखौला आदि पूर्व छात्र शामिल थे।

मुक्त विवि में निदेशकों एवं असिस्टेन्ट प्रोफेसर ने संभाला पदभार


एजुकेशन विजयइलाहाबाद, 31 मार्च । उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय एकेडमिक एक्सीलेंस के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय मंे दो नए निदेशकों एवं चार असिस्टेंट प्रोफेसर ने गुरूवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विज्ञान विद्याशाखा में डा. आशुतोष कुमार गुप्ता एवं मानविकी विद्याशाखा में डा. आरपीएस यादव ने निदेशक पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।उक्त जानकारी डा.प्रभात चन्द्र मिश्र ने देते हुए बताया है कि इसी प्रकार पत्रकारिता एवं जनसंचार में असिस्टेन्ट प्रोफेसर के पद पर चयनित डा. साधना श्रीवास्तव, कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान में असिस्टेन्ट प्रोफेसर के पद पर सुश्री मारिसा एवं मनोज कुमार बलवन्त तथा प्राचीन इतिहास में असिस्टेन्ट प्रोफेसर के पद पर डा. सुनील कुमार ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। हाल ही में सम्पन्न चयन प्रक्रिया से विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी कुछ हद तक दूर हुई है। शेष रिक्त पदों पर भी चयन कार्यवाही शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी।

मप्रलोक सेवा आयोग ने बदली साक्षात्कार की तिथि

एजुकेशन विजय, भोपाल, 31 मार्च। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2015 की मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले ऐसे आवेदक जिन्होंने आवेदन देकर अपनी साक्षात्कार तिथि में परिवर्तन चाहा है, उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनकी साक्षात्कार की तिथि में परिवर्तन किया गया है। शेष परीक्षार्थियों की साक्षात्कार तिथि यथावत रहेगी।मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा-2015 की मुख्य परीक्षा 12 अप्रैल  से 21 अप्रैल तक आयोजित की जाना निश्चित की गयी है। इसके मद्देनजर राज्य सेवा परीक्षा-2013 के साक्षात्कार में सम्मिलित ऐसे आवेदक जो राज्य सेवा परीक्षा-2015 की मुख्य परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं तथा जिन्होंने साक्षात्कार तिथि में परिवर्तन हेतु आवेदन दिया है उन समस्त आवेदकों के अभ्यावेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनका साक्षात्कार जून, 2016 में आयोजित किया जायेगा। निर्धारित तिथि अलग से प्रकाशित की जायेगी।

लोक सेवा आयोग का 79वाॅं स्थापना दिवस

एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 31 मार्च। लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद का 79वाॅं स्थापना दिवस लगभग पन्द्रह वर्षों बाद एक अप्रैल को बड़े धूमधाम से मनाया जायेगा और इस अवसर पर आयोग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। उक्त बातें लोक सेवा आयोग के सचिव सुरेश कुमार सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।आयोग के बारे में श्री सिंह ने बताया कि इसकी स्थापना अंग्रेजों के समय एक अप्रैल 1937 को सरोजनी नायडू मार्ग पर हुई थी और उस समय अध्यक्ष डी.एल डे क ब्रोकमेन और दो सदस्य राय बहादुर मानसिंह एवं खान बहादुर सैयद अब्दुल मोहम्मद थे। इसका उद्देश्य भर्ती में चयन करना और सेवा नियमावली में परामर्श देना था। उन्होंने कहा कि इसको और विस्तार देने तथा लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए सूचना एवं शिकायत प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया, जिसमें अब तक कुल 8662 शिकायतें प्राप्त हुई और उसमें लगभग सात हजार शिकायतों का निस्तारण भी कर दिया गया है। कहा कि स्थापना दिवस की तैयारी जोरों से चल रही है और इसके लिए लगभग बीस लाख के कम्प्यूटर, प्रिन्टर एवं इससे सम्बन्धित सामान आदि होंगे, जो अण्डर सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी व ज्वाइन सेक्रेटरी के अनुभागों में लगेंगे। आगे कहा कि 2000 में के.के उपाध्याय के समय स्थापना दिवस मनाया गया था, उसके बाद अप्रैल, 2016 में मनाया जा रहा है।सचिव श्री सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अध्यक्ष होंगे तथा सचिव एवं सदस्यगण भी मंच पर उपस्थित रहेंगे। रवि नन्दन सिंह, अनुभाग अधिकारी आयोजन का प्रयोजन स्पष्ट करेंगे तथा संजय पुरूषार्थी संचालन करेंगे। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जायेगा।

ज्वाला देवी के प्रवेश परीक्षा में हुई भारी भीड़

एजुकेशन विजय,  इलाहाबाद, 31 मार्च । प्रो.रज्जू भैया शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज में प्रवेश प्रक्रिया गुरूवार से प्रारम्भ हो गयी, प्रवेश के लिए दिन भर भारी भीड़ जुटी रही।विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप कुूमार त्रिपाठी ने बताया कि सत्र 2016-17 के विभिन्न कक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया में लगभग 960 परीक्षार्थीयों ने 280 रिक्त सीटों हेतु परीक्षा दी। प्रवेश परीक्षा का परिणाम सात अप्रैल को घोषित किया जायेगा तथा प्रवेश की अन्तिम तिथि 16 अप्रैल तक है। विद्यालय का नवीन शैक्षिक सत्र 5 अप्रैल मंगलवार से प्रारम्भ हो जायेगा। अंत में श्री त्रिपाठी ने बताया कि एकादश में नवीन प्रवेश हेतु प्रवेश आवेदन पत्र विद्यालय कार्यलाय से प्रातः 9 बजे से सांय चार बजे के बीच प्राप्त किये जा सकते है।

सेंट्रल एकेडमी में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

एजुकेशन विजय, जोधपुर, 31 मार्च । सेंट्रल एकेडमी में नए शैक्षण्कि सत्र में की गई भारी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आज अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा और वे एकत्रित होकर स्कूल पहुंच गए। उन्होंने चौपासनी पहला पुलिया स्थित स्कूल की ब्रांच में प्रदर्शन किया और फीस वृद्धि वापस लेने की मांग की।
सेंट्रल एकेडमी की महानगर में स्थित सभी शाखाओं में नए शैक्षणिक सत्र से भारी फीस बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही बाल वाहिनियों का किराया भी बढ़ा दिया गया है। इस भारी वृद्धि के कारण आज कई अभिभावक एकत्रित होकर चौपासनी रोड पर पहला पुलिया स्थित सेंट्रल एकेडमी की शाखा में पहुंचे और वहां फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने स्कूल प्रशासन से फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की।

दस माह से गायब शिक्षिका पर कार्यवाही

एजुकेशन विजय, दतिया, 31 मार्च। सरकारी हाईस्कूल ग्राम धौड में पदस्थ शिक्षिका बीते दस माह से गायब है। जिससे छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। इस बारे में स्कूल के प्राचार्य द्वारा संकुल केन्द्र के अलावा जनपद व जिला पंचायत तथा जिला शिक्षाधिकारी को लिखित रूप से सूचना दे दी है। बताया गया है कि सरकारी  हाईस्कूल धौंड़ में गायत्री राजपूत की संविदा शिक्षक वर्ग 2 में वर्ष 2013 में नियुक्ति बिज्ञान विषय पर हुयी थी। वर्तमान में यहॉ 40 छात्र अध्ययनरत है। बताया जाता है कि बीते जून 2015 से शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद से आज दिनांक तक शिक्षिका गायत्री राजपूत बिना सूचना के अनुपस्थित रहीं। जिससे छात्रो ंकी विज्ञान की पढाई प्रभावित हो रही है।
इनक कहना है
शिक्षिका गायत्री राजपूत पूरे सत्र बिना सूचना के गायब रही है। अब हम जल्द ही उक्त शिक्षिका पर एफ आई आर दर्ज कराने के लिए जिला पंचायत सीईओ से अनुमति लेगे। बिज्ञान के बच्चों का नुकसान हआ है।
ब्रजेश कुमार पाराशर, प्राचार्य हा. स्कूल धौंड़

सफलता के लिये श्रम के साथ जरूरी है मानसिक मजबूती - प्रो सिंह

एजुकेशन विजय, जौनपुर, 30 मार्च। सफलता के लिये श्रम के साथ जरूरी है मानसिक रूप से अपने आपको मजबूत करना। सफलता के लिये असफलता से कत्तई न डरें, बल्कि कठिनाइयों का डटकर सामना करें। उक्त विचार गुरूकुल जूडीशियल क्लासेज मियांपुर द्वारा आयोजित प्रतियोगी सम्मान समारोह में विधिवेत्ता प्रो. श्रीराम सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कही।इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय भाषा संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डा. ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि प्रतियोगी को चाहिये कि अपनी असफलता से भयभीत न हो, बल्कि सफलता की ओर आगे बढ़ें। इस दौरान संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार में सहायक शासकीय अधिवक्ता के पद पर चयनित डा. अरूण यादव ने कहा कि प्रतियोगियों को ज्ञान जहां से भी मिले, उसे ग्रहण करना चाहिये। अन्त में मार्केटिंग इंस्पेक्टर पद पर चयनित भूमिका यादव ने कहा कि सफलता शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में अर्जित की जा सकती है। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों ने चयनित डा. अरूण यादव एवं भूमिका यादव का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुये स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माता प्रसाद श्रीवास्तव एवं संचालन डा. कविता राय ने किया। अन्त में रमेश चन्द्र यादव ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डीपी यादव, अश्वनी कुमार, शैलेश चन्द्र, आनन्द, शरद यादव, डब्लू यादव, कमलेश यादव के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।

ज्वाला देवी में परीक्षाफल वितरण एवं प्रतिभा अलंकरण समारोह सम्पन्न

एजुकेशन विजयइलाहाबाद, 30 मार्च। प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज में बुधवार को विद्यालय का वार्षिक परीक्षाफल वितरण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह परिसर में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य सम्पन्न हुआ। जिसमें विद्यालय को गौरवान्वित करने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथि स्वागत से हुआ तत्पश्चात माॅ सरस्वती के सम्मुख दीपार्चन एवं पुष्पार्चन के साथ वन्दना हुई। अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने कराया साथ ही कार्यक्रम की प्रास्ताविकी भी प्रस्तुत की। इस अवसर पर सर्वोच्च अंक में कक्षा नौ के आयुष मौर्य, 94.83 प्रतिशत तथा सर्वाधिक अंक जूनियर वर्ग में कक्षा आठ के प्रवीण कुमार सिंह 92.05 प्रतिशत एवं सर्वाधिक अंक एकादश आशुतोष यादव एकादश 88.7 प्रतिशत और इसके अलावा विद्यालय के भैयाओ द्वारा राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर अर्जित उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया।उक्त जानकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने देते हुए बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डा.मीरा दीक्षित, विभागाध्यक्षा हिन्दी इविवि रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता चिन्तामणि सिंह, प्रदेश निरीक्षक, भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उ.प्र ने किया। पुरस्कार वितरण की परम्परा में एक पत्रिका का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि पुरस्कार किसी व्यक्ति के जीवन में उत्साह एवं गति प्रदान करते है यदि इसकी शुरुआत छात्र जीवन से ही हो जाये तो निश्चित रुप से उसे नित नये कीर्तिमान स्थापित करने से कोई रोक नही सकता, जिसके लिए सम्बन्धित संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चिन्तामणि सिंह ने कहा की विद्यालय ने अपने गौरवमय परम्परा में एक कड़ी और जोड़ा जिससे इसकी महत्ता महानगर में नही अपितु विद्या भारती के विद्यालयो में भी बढ़ी है। इसमें विद्यालय के समस्त आचार्य एवं कर्मचारियो का योगदान है।

हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान की पहचान ही लोगों को एक सूत्र में बांध सकता है - प्रोगीतिका

एजुकेशन विजय,इलाहाबाद, 30 मार्च। एमएनएनआईटी एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, यहां भिन्न-भिन्न देशों तथा राज्यों से छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आते हैं, इसलिए हिन्दी भाषा लोगों को एक धागे में पिरो सकती है। हिन्दी भाषा में वो संस्कार है जो दिलों को जोड़ने का काम करती है, हिन्दी हमारी पहचान है। हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान की पहचान ही लोगों को एक सूत्र में बांध सकता है। उक्त विचार मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के कान्फ्रेन्स हाल में तकनीकि शिक्षा में हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार के व्यवहारिक पक्ष विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. गीतिका गोयल ने व्यक्त किया।कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो. हरिदत्त शर्मा संस्कृत विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक तकनीकी शिक्षा में हिन्दी के प्रचार-प्रसार की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की समस्त भाषाओं को जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। हिन्दी का विकास भारत के अपने विकास पर निर्भर है। वैश्विक बाजार में अगर भारत की भूमिका बढ़ेगी तो हिन्दी का दायरा भी बढ़ेगा। कार्यक्रम के सयोजक सिविल इन्जीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ए.के सिंह ने तकनीकी शिक्षा एवं दैनिक कार्यों में हिन्दी के उपयोग हेतु एक सरल प्रशासनिक शब्दावली बुकलेट भी वितरित की जिसके माध्यम से अन्य भाषा भाषी छात्र हिन्दी सीख सकेंगे। संस्थान के कुल सचिव कर्नल संजीव बनर्जी ने तकनीकी शिक्षा में हिन्दी के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि कार्यालयीय कार्यों में हिन्दी का प्रयोग करने के लिए मात्र इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी के अत्यधिक प्रयोग के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए संस्थान समय समय पर हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन के लिए आवश्यक कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।हिन्दी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष प्रो. दिनेश चन्द्रा ने कहा कि संस्थान में हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में क्या प्रगति हुई इसके लिए प्रत्येक तीन माह में हिन्दी भाषा की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में अन्य संस्थानों की तुलना में एमएनएनआईटी हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा अहिन्दी भाषा भाषी छात्रों ने भी बड़े उत्साह के साथ इस कार्यशाला में भाग लिया। मंच का संचालन करते हुए प्रो. एल.के मिश्रा ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकि के क्षेत्र में अच्छी पुस्तकों का हिन्दी भाषा में अनुवाद होना चाहिए। उक्त कार्यशाला में संस्थान के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं भारी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।

Wednesday 30 March 2016

सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी विषय पढ़ाने पर विचार

एजुकेशन विजय, चंडीगढ़, 30 मार्च हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये सरकार पहली कक्षा से ही अंग्रेजी विषय पढ़ाने पर गम्भीरता से विचार कर रही है।हालांकि यह एक नीतिगत निर्णय होगा।शिक्षा मंत्री ने बुधवार को यह जानकारी हरियाणा विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान इनेलो के विधायक केहर सिंह रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न के दौरान सरकारी स्कूलों में वर्ष 2003 के दौरान तत्कालीन सरकार द्वारा पहली कक्षा से अंग्रेजी विषय पढ़ाने के लिये गए निर्णय को पुन: लागू करने के लिये दिये गए सुझाव पर शिक्षा मंत्री ने सदन को दी।उन्होंने इस बात से भी अवगत करवाया कि स्कूलों के अपग्रेड के लिये निर्धारित मानदण्ड तैयार किये गए हैं और जो-जो सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों के अपग्रेड का मुद्दा उनके ध्यान में लाता है, तो निर्धारित मानदण्ड पूरा करने के अनुरूप स्कूलों को अपग्रेड किया जाता है। सरकार की प्राथमिकता शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की है।

अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को अन्य मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा स्थानांत्रित

एजुकेशन विजय,चंडीगढ़, 30 मार्च। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि गोल्डफिल्ड चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, फरीदाबाद के एमबीबीएस विद्यार्थियों को प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थानांत्रित किया जाएगा ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। बुधवार को यहा हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभाग ने मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को पत्र लिखा है, जिसमें ऐसे विद्यार्थियों को अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थानांत्रित करने में सहयोग करने की अपील की है क्योंकि इस मेडिकल कॉलेज का मालिक कॉलेज को बंद कर गया है। 
श्री विज ने बताया कि इस कॉलेज को चलाने की मंजूरी भी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल के दौरान दी गई थी। इस कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें है, जिसमें वर्ष 2012 से 2016 तक दाखिल हुए 400 छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।इसके लिए सरकार ने पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति डॉ. ओ पी कालरा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है ताकि अतिशीघ्र उक्त विद्यार्थियों को अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थानांत्रित किया जा सके। इस बारे में कमेटी द्वारा एक बैठक कर ली गई है और शीघ्र ही किसी निर्णय पर पहुंचा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले लोगों को कभी क्षमा नही किया जा सकता है। इसके साथ ही विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि मेडिकल कॉलेज की मंजूरी देते समय ऐसी शर्तों को शामिल किया जाए, जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा कार्य न कर सके।

टी बी पर एक दिवसीय जागरूकता सेमिनार का आयोजन


एजुकेशन विजय, चंडीगढ़, 30 मार्च I भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के माडू सिंह मेमोरियल आयुर्वेदिक कॉलेज में टी बी रोग पर चर्चा विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का आयोजन आयुर्वेदिक कॉलेज डॉ जी के पांडा व डॉ ऐ पी नायक ने करवाया। सेमिनार में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज कम्युनिटी मेडिसन विभाग के अध्यक्ष  प्रोफ जे पी माजरा ने शिरकत की। इस सेमिनार में आयुर्वेदिक कॉलेज की बी ए एम एस की छात्राओं ने भाग लिया। टी बी पर आयोजित इस जागरूकता सेमिनार में बोलते हुए प्रो जे पी माजरा ने कहा कि टी बी एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है लेकिन लाइलाज नहीं है. डॉ माजरा ने कहा कि इस बीमारी को पहली ही स्टेज पर सम्भालना बहुत ही जरूरी है। तुरन्त डॉ से सलाह करके अपना ईलाज शुरू कर देना चाहिए। डॉ माजरा ने कहा कि ये एक ऐसी बीमारी है जो पुरे शरीर को कमजोर करती है। उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्ण खाँसी से शुरू होते है।  जो एक सप्ताह से ज्यादा होने पर टी बी भी हो सकती है। डॉ माजरा ने कहा कि टी बी का ईलाज सरकारी अस्पतालों में निशुल्क है और प्राथमिक स्वास्थय केंद्रों में भी इसका ईलाज संभव है। इस अवसर पर महिला मडिकल कॉलेज के डॉ एस के झा , डॉ  विजय सीलन, डॉ रमेश वर्मा , आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रो विजय कौशिक , डॉ महेंदर शर्मा , डॉ विष्णु गौतम , डॉ विवेक अग्रवाल भी मौजूद थे।  

विधान सभा में उठा महाविद्यालयों रिक्त पदों का मामला

एजुकेशन विजय, जयपुर, 30 मार्च। शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने विधान सभा में आश्वस्त किया कि बारां जिले के अटरू सरकारी स्नाकोत्तर महाविद्यालय और सरकारी कन्या महाविद्यालय में में खाली पडे व्याख्याताओं के पद 1 जुलाई से पहले भर दिए जाएंगे। इससे पहले विधायक रामपाल ने प्रश्नकाल में अटरू के महाविद्यालयों में रिक्तों पदो और अतिरिक्त कक्षों के निर्माण संबंधि सवाल किए। उन्होंने कहा कि यहां 50 फीसदी पद रिक्त है। 4000 हजार छात्रों के लिए केवल 13 कक्ष है। खेल के मैदान भी ठीक नहीं है।इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 1339 व्याख्याताओं के पद प्रदेश में रिक्त हैं। यह पिछली सरकार की मेहरबानी रही कि 1 भी व्याख्याता का पद 5 साल में स्वीकृत नहीं हुआ। वर्तमान सरकार ने आते ही 1339 पदों की स्वीकृति दी है जो 1 जुलाई से पहले भर दिए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि कॉलेजों में कोर्स पूरा करने के लिए अस्थाई व्याख्याताओं की व्यवस्था की हुई है। इधर विधायक ललित कुमार ने उच्च शिक्षा मंत्री के सामने दोनों महाविद्यालयों में भूगोल और अर्थशास्त्र के संकायो का मामला उठाया। ललित कुमार ने कहा कि दोनों महाविद्यालयों में निजी व्याख्याताओं से सेवाएं ली जा रही है जिसके लिए 5000 रूपये फीस चुकानी पडती है। क्या दोनों संकाय सरकारी स्तर पर पढाने की मंशा सरकार रखती है। इस उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि वित्तीय संसाधन उपलब्ध होते ही व्यवस्था की जाएगी।

नई पेंशन नीति के विरोध में पहली अप्रैल को काला दिवस मनायेंगे प्राथमिक शिक्षक

एजुकेशन विजय ,लखनऊ, 30 मार्च। नई पेंशन योजना लागू होने से प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक काफी गुस्से में है। नई पेंशन योजना से शिक्षक ठगा महसूस कर रहे हैं। योजना लागू करने से आने वाले दुष्परिणामों के प्रति सरकार को आगाह करने के लिए शिक्षक पहली अप्रैल को प्रदेश के हर जिले में काला दिवस मनायेंगे। हाथों पर कालीपट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे।विशिष्ट बीटीसी शिक्षण वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि पहली अप्रैल को सरकार पुरानी पेंशन योजना को बंद कर रही है।इसी दिन से नई पेंशन योजना लागू होगी। सरकार का यह निर्णय शिक्षक विरोधी है।प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश शुक्ल के मुताबिक पश्चिमी बंगाल, केरल, त्रिपुरा आदि राज्यों में आज भी पुरानी पेंशन योजना चल रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में नई पेंशन योजना का औचित्य समझ से परे है। इसलिए संगठन ने यह निर्णय लिया है कि पहली अप्रैल को प्रदेश के सभी जिलों में अपने हाथों पर कालीपट्टी बांधकर प्राथमिक शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे और पुरानी पेंशन योजना को जारी रखने की मांग करेंगे।

आदर्श आवासीय विद्यालय मलाजखंड में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित

एजुकेशन विजय , 30 अप्रैल तक जमा होंगें आवेदन, 15 मई को होगी प्रवेश परीक्षा बालाघाट, 30 मार्च। आदिवासी विकास विभाग द्वारा मलाजखंड में संचालित आदर्श आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 06 से 12 वीं तक शिक्षा सत्र 2016-17 में प्रवेश के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। आवेदन पत्र आगामी 30 अप्रैल 2016 तक मलाजखंड के विद्यालय में जमा कराये जा सकते है। प्रवेश के लिए परीक्षा 15 मई 2016 को प्रात: 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ली जायेगी।विद्यालय के प्राचार्य श्री महोबे ने बताया कि विद्यालय की कक्षा 6 वी में अनुसूचित जनजाति के 14 बालक व 14 बालिका, अनुसूचित जाति के 02 बालक व 03 बालिका, पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्ग के एक बालक व एक बालिका को प्रवेश दिया जाना है।कक्षा 7 वीं में अनुसूचित जनजाति वर्ग की एक बालिका, कक्षा 8 वीं में अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक बालक, एक बालिका व पिछड़ा/अन्य वर्ग के एक बालक, कक्षा 09 में अनुसूचित जनजाति के एक बालक, कक्षा 11 वीं विज्ञान संकाय में अनुसूचित जनजाति के 04 बालक व पिछड़ा/अन्य वर्ग के 01 बालक, कक्षा 12 वीं विज्ञान संकाय में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 02 बालक व 04 बालिका तथा अनुसूचित जाति वर्ग के एक बालक को प्रवेश दिया जाना है।आवासीय विद्यालय मलाजखंड की कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं में प्रवेश के लिए इच्छुक छात्र-छात्रायें 30 अप्रैल 2016 तक विद्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त कर जमा कर सकते है। प्रवेश के लिए परीक्षा 15 मई 2016 दिन रविवार को ली जायेगी।

तीन दिवसीय कार्यक्रम यूरेका-2016 का आयोजन बुधवार से

एजुकेशन विजय , इलाहाबाद,29मार्च। शंभूनाथ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स के बैनर तले तीन दिवसीय टेक्नो कल्चरल फेस्टिवल यूरेका-2016 का आयोजन इंस्टीट्यूट के प्रांगण में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के तहत यूरेका-2016 सिमफेस्ट तथा सिप्सा का भव्य आयोजन किया जायेगा। विगत दस वर्षाें में शंभूनाथ इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी ने फार्मेसी के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किये हैं। उक्त जानकारी आज मंगलवार को पत्रकारों से संस्था के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रो.आर.के.सिंह ने दी।श्री सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदेश भर के 50 से अधिक कालेजों के विद्यार्थी, 150 से अधिक तकनीकी व गैर तकनीकी प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।इसमें आटोकैड, टेक बज, सर्किट मीनिया, मशीन हंट, कोडिंग, एथिकल, हैकिंग, डेटाबेस डिजाइनिंग, काउंटर स्ट्राइक, जल-ए-कोफा, वाटर राकेटरी, ड्रोन मेक मीनिया, सर्वे हन्टिंग, ब्रिज डिजाइनिंग, स्मार्ट सिटी माईवे, सर्किट डिजाइनिंग, रोबो वार आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। विजेता प्रतियोगियों के लिए बारह लाख रूपये के नगद पुरस्कार रखे गये हैं। प्रत्येक दिवस के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। श्री सिंह ने बताया कि 30 मार्च को सायं 6-10 बजे विभिन्न कालेजों के विद्यार्थियों द्वारा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायंेगे, 31 मार्च को बैण्डवार, प्रतियोगिता, मैजिक शो व दिल्ली तथा मुम्बई के कलाकारों द्वारा राॅक बैण्ड शो होगा। एक अप्रैल को मशहूर रैपर व गायक बादशाह की रंगारंग प्रस्तुतियां होगी। प्रेसवार्ता के दौरान शंभूनाथ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के सचिव डा.के.के.तिवारी, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर प्रो.नमीर अल हसन, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर प्रो.आशुतोष श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

चिन्तन की व्यापकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता - प्रोजनक

एजुकेशन विजय ,इलाहाबाद, 29 मार्च। आज चिंतन की व्यापकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। व्यावहारिक नीतिशास्त्र देशकाल के अनुसार चिंतन की दिशाओं और आयामों को व्यापक बनाने का कार्य कर सकता है, इसकी सार्थकता इसी में है। आज व्यावहारिक नीतिशास्त्र को अपनी समीक्षात्मक दृष्टि समाज के उन स्वार्थी तत्वों पर भी रखनी है जो चिन्तन की व्यावहारिकता को सीमित करना चाहते हैं। उक्त विचार उ.प्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की मानविकी विद्याशाखा के तत्वावधान में आयोजित व्यावहारिक नीतिशास्त्र महत्व एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, पटना के पूर्व कुलपति प्रो.जनक पाण्डेय ने व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि परिवर्तन का बौद्धिक आधार निर्धारित करने में व्यावहारिक नीतिशास्त्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने व्यावहारिक नीतिशास्त्र के अन्तर्गत बायोएथिक्स, उपभोक्ता संरक्षण, सामाजिक समानता एवं मानवतावादी दृष्टिकोण आदि विभिन्न आयामों पर गंभीर चिंतन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के पूर्व आचार्य प्रो. एस.के सेठ ने कहा कि दर्शनशास्त्र हमें जीवन का लक्ष्य देता है। दर्शनशास्त्र ज्ञान की एक ऐसी शाखा है जो संसार की वस्तुओं के विषय में दृष्टिकोण की खोज, चिन्तन और उसकी तार्किक समीक्षा करता है। कहा कि दर्शन शास्त्र के चिन्तन के आयाम तथ्यात्मक रूप से जो ज्ञान पहले से हमारे सामने उपस्थित रहता है उसके विषय में उचितानुचित विवेक को उद्घाटित करना और सत्य की खोज करना, इनसे सम्बनित मानदण्डांे की खोज करना है।संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एम.पी दुबे ने कहा कि किसी वस्तु की प्रकृति को जानने का प्रयास ही दर्शन है। नैतिकता केवल सिद्धान्त में ही नहीं वरन व्यवहार मंे भी अच्छी हो सकती है, इसके लिए चिंतन के आयामों को मजबूत करना होता है। कहा कि इच्छा मृत्यु, भू्रण हत्या, गर्भपात, पर्यावरण संरक्षण, विवाह पूर्व संबंध, मृत्युदण्ड, शरणार्थी, राजनीतिक हिंसा आदि कई ऐसे विषय हैं, जिन पर व्यावहारिक नीतिशास्त्र के अन्तर्गत विचार विमर्श किए जाने की आवश्यकता है। अतिथियांे का स्वागत संयोजक डा. आरपीएस यादव ने एवं सेमिनार की विषयवस्तु आयोजन सचिव डा.अतुल कुमार मिश्र ने प्रस्तुत की। सरस्वती वंदना डा.जया मिश्रा ने तथा संचालन डा.स्मिता अग्रवाल ने व धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालयाध्यक्ष डा.टीएन दूबे ने किया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो.जटाशंकर त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि महानिरीक्षक निबन्धन प्रदीप कुमार तिवारी ने व्यावहारिक नीतिशास्त्र की उपयोगिता पर विचार व्यक्त किये।

Tuesday 29 March 2016

पेटेंट राइट विषय पर सेमिनार आयोजित

एजुकेशन विजय ,चंडीगढ़, 29 मार्च।  भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के विधि विभाग में विस्तृत व्याख्यान का आयोजन किया गया। एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन हरियाणा राज्य साइंस एवं तकनीकी परिसर हरियाणा के सहयोग से करवाया गया। सेमिनार के सयोंजक डॉ प्रमोद मलिक ने बताया की इस सेमिनार में विधि विभाग के अलावा मेडिकल साइंस , कंप्यूटर साइंस , फैशन टेक्नोलॉजी और प्रबंधन विभाग की छात्राओं ने भाग लिया।  पेटेंट राइट विषय पर आयोजित सेमिनार में बोलते हुए डॉ वीं के आहूजा ने कहा कि हमें अपने अधिकारों का पता होना चाहिए। अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना हम सब की जिम्मेदारी है।  सेमिनार में मौलिक अधिकारों पर बोलते हुए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के डॉ विशाल महलावत ने कहा कि हमें अपने मौलिक अधिकारों के साथ साथ मौलिक कर्त्वयों का भी विशेष धयान रखना चाहिए।

Education bags major share of total plan: Delhi budget 2016-2017.

Education Vijay, On March 28, the Delhi government unveiled an annual budget of Rs 46,600 crore for 2016-2017. This year, the education sector has bagged the large amount of Rs 10,690 crore which is 22.9 per cent of the total plan outlay. In the 2015-16 budget, the government had allotted Rs 9,836 crore for the education sector out of which Rs 4,570 crore was given under the plan outlay. This year, the prime concern will be on the training programmes and infrastructure development. Also, he featured that every classroom in the government schools will have CCTV cameras and for this scheme, Rs 100 crore has been allocated. The feed would be accessible to all officials, the Education Minister and parents."Parents will be able to watch the recordings on their mobiles and know what their kids are doing in school. For CCTV we are giving Rs 100 crore," Manish Sisodia said in a daily newspaper. He further said, "The major focus for this year is on the training and capacity building of teachers. They are to be imparted high quality training for their professional development and will be sent to some of the best universities in the world like Harvard, Cambridge and Oxford. For this, Rs 102 crore has been earmarked in 2016-17 as against Rs 9.4 crore in 2015-16."From July onwards,  the new school buildings and various classrooms would be accessible to the students. "If we run 21 buildings in two shifts, we have 42 new schools. We have also built 8,000 new classrooms which is equivalent to 200 schools and we run them in double shifts then it is 400 schools. So, we have a total of 442 schools," he added.He also notified that the government will not send any teacher for census duty anymore. "We want teachers and principal to focus on teachings. So, we have decided no teacher will be sent for census duty. Every school building has estate manager so that principal can focus on studies," he included.

PM Modi giving stresses on qualitative educational.

Prime Minister Narendra Modi, on Monday, March 28, announced that the governmnet's main aim is to uplift the standards of higher educational institutes to reach qualitative perfection.While addressing the 'Bloomberg India Economic Forum' in the capital, the Prime Minister said, "We announced path-breaking reforms in the education sector. Improving the quality of learning will be my government's primary objective," according to media reports.The Indian government will provide a regulatory architecture to 10 educational institutions, each from the private and public sectors, which will give them "complete autonomy in academic, administrative and financial matters".This framework to regulate the working of the institutes will be different from structures already in place, such as the All India Council for Technical Education (AICTE) and the University Grants Commission (UGC), and these will help the institutes reach world class standards in research and teaching."We will provide additional resources for the next five years for the 10 public universities. This will eventually allow ordinary Indians access to affordable world-class degree courses," said Modi.The Prime Minister, moreover, stated that education in India had progressed in terms of pupil-teacher ratios."The foundation of today's knowledge economy is the quality of its school-leavers. We will allocate an increasing share of resources under the Sarva Shiksha Abhiyaan to quality. These funds will be used to promote local initiatives and innovations to improve learning outcomes," said the PM.

Mumbai University announces Rs 639.54 Cr budget: Yet to recover 150 Cr.

Education Vijay, A Rs 639.54 crore budget has been announced by the University of Mumbai for the financial year 2016-17. A surplus of Rs 63.67 crore has also been recorded in the budget for the first time in five years.Moreover, the state government and a few colleges affiliated to MU are supposed to clear dues amounting to an estimated Rs 150 crore.According to MU VC Sanjay Deshmukh, the government is supposed to pay around Rs 100 crore for salary grants, while colleges are supposed to pay Rs 50 crore towards affiliation fees. The exact due amounts could not be provided by the officials."For the past few years, the state government has been giving 75% of the total amount required for salaries, with the remaining expenses borne by the varsity. We hope that the state will give us the due amount," said Deshmukh, while refusing to call the to-be-paid-amount a "recovery".However, a university official said that the pending amount by the state government is highly likely not to be recovered and it should not have been made a part of the budget. "The vice chancellor should have written off the amount, but apparently he wants to take credit for a surplus budget," he said according to an HT report.On the payment delay regarding affiliation fees, the VC blamed both university officials and the colleges for their laxity. "The amount spent on affiliated colleges was drawn from non-plan expenditure. You cannot spend the money on something it was not appropriated for," said the official. Regular expenditures such as employee salaries are drawn from the non-plan money. Deshmukh said that the bigger budget will be used by the varsity to help students from different parts of the country and the state easily access higher education. This would be a push towards the success of Digital India and Skill India initiatives by Prime Minister Narendra Modi

141 एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 8 मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने की मंजूरी


एजुकेशन विजय चंडीगढ 29 मार्च। पंजाब के मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च विभाग समेत बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी ने पठानकोट के चिंतपूर्णी मेडिकल कॉलेज के 141 एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 8 मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने की मंजूरी दी है। संसाधनों के अभाव से जूझ रहे पठानकोट के मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फाइनल ईयर से संबंधित ये विद्यार्थी अन्य कॉलेजों में शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे। 2011 बैच के इन स्टूडेंट्स को लेकर सोमवार को फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी में बैठक हुई जिसमें डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर, रजिस्ट्रार डॉ. डीएस सिद्धू समेत 8 में से 7 मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और मुखियाओं ने भाग लिया। स्टूडेंट्स को शर्तोंं के आधार पर राज्य के तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों समेत 5 निजी कॉलेजों में भेजने का फैसला हुआ।इन शर्तो में स्टूडेंट्स को नया कॉलेज हॉस्टल नहीं देगा। इन्हें अपने स्तर पर ही रहने का इंतजाम करना होगा। एमबीबीएस का फाइनल ईयर पूरा करने के बाद एक साल की इंटर्नशिप के दौरान उन्हें उस समय तक कोई मान भत्ता भी नहीं मिलेगा जब तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की तरफ से पठानकोट कॉलेज की तरफ से जमा करवाई गई 10 करोड़ रुपए की राशि पंजाब सरकार को जारी नहीं की जाती।यह राशि पठानकोट कॉलेज ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों पर संसाधन उपलब्ध करवाने में नाकाम रहने के चलते एमसीआई के पास इंडो मेंट फंड के रूप में जमा करवाई थी।फरीद यूनिवर्सिटी के अनुसार 26-26 स्टूडेंट्स सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर पटियाला और 15 को गुरु गोबिंद सिंह सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है। लुधियाना के सीएमसी डीएमसी में 10-10 और बनूड़ के ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज, अमृतसर के गुरु रामदास कॉलेज और बठिंडा के आदेश मेडिकल कॉलेज में 18-18 विद्यार्थी शिफ्ट किए गए हैं।

Monday 28 March 2016

जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय के भवन का किया उद्घाटन

एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 28 मार्च। रोटरी एवं इनरव्हील मिडटाउन क्लब के सौजन्य से लिटरेसी मिशन के तहत कराये गये प्राथमिक विद्यालय बक्शी कला, दारागंज के जीर्णोद्वार भवन का उद्घाटन सोमवार को जिलाधिकारी संजय कुमार ने किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय में वृक्षारोपण भी किया और विद्यालय में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने एबीएसए ज्योति शुक्ला तथा प्रधानाध्यापक राजीव निषाद को सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी द्वारा विद्यालय खुलने के पहले तथा विद्यालय बन्द होने के बाद आवश्यक रूप से सफाई की जाय। विद्यालय में कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा अनावश्यक रूप से प्रवेश करने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने चैकी इन्चार्ज को ऐसे लोगों को विद्यालय में प्रवेश करने से रोकने के लिये कड़े कदम उठाये जाने का निर्देश दिया, साथ ही उन्होने विद्यालय के गेट पर पशुओं को रोकने के लिये कैटिल कैचर लगाये जाने तथा प्रकाश की समुचित व्यवस्था के लिये गेट के पास सोडियम लाइट लगाये जाने के लिये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश नगर निगम को दिया है। इस अवसर पर एबीएसए ज्योति शुक्ला, प्रधानाध्यापक राजीव निषाद सहित रोटरी क्लब एवं इनरव्हील क्लब के पदाधिकारीगणों के साथ-साथ अन्य लोग उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता में 100 देशों से 2900 एंट्रीज

एजुकेशन विजय, चंडीगढ, 28 मार्च । अच्छा आंत्रप्रेन्योर वही होता है जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाए। इंटरनेशनल स्कूल एंटरप्राइज चैलेंज 2015 में इसका बेहतर उदाहरण पेश किया सत्या भारती आदर्श सीिनयर सेकंडरी स्कूल, फत्तूभीलिया के स्टूडेंट्स ने और जीत लिया ग्लोबल अवॉर्ड।यूके स्थित चैरिटी ‘टीच ए मेन टू फिश’ द्वारा हर साल स्कूल स्टूडेंट्स में आंत्रप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करने  के लिए ये प्रतियोगिता करवाई जाती है ताकि वे नौकरी मांगने के बजाए नौकरी देने वाले उद्यमी बनें। इस चैलेंज में शामिल होने के लिए सत्या भारती स्कूल की 10वीं के स्टूडेंट्स ने पहले तो स्कूल और गांव से ही कुछ सामान एकत्र किया। इनमें कच्चे आम, नींबू, आंवला, गाजर, गोभी शामिल थे। कुछ अन्य सामान पर 120 रुपए खर्च किए। फिर उससे तैयार अचार व मुरब्बे को गांव में ही बेचकर 400 रुपए कमाए। इस पैसे से स्कूल के लिए ही स्टेशनरी खरीद ली।अपने इसी प्रयास को एंट्री के तौर पर प्रतियोगिता में भेजा। आयोजकों ने एक छोटे से निवेश पर अच्छा रिटर्न और एक ग्लोबल प्रतियोगिता में एंट्री भेजने के हौसले को भी आंका। प्रतियोगिता में 100 देशों से 2900 एंट्रीज आई। गुड़गांव के एक स्कूल के स्टूडेंट्स ने एक लाख रुपए की कमाई की पर फत्तूभीलिया गांव के स्टूडेंट्स बाजी मारने में सफल रहे। उन्होंने स्टेज 3 स्पेशल रिकग्नाइजेशन अवॉर्ड जीत लिया।
विजेता टीम में शामिल पवनीत कौर ने खुशी जताते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता ने हमें समाज के प्रति अपने दायित्व से भी परिचित करवाया है। ये अवॉर्ड भविष्य के लिए सफलता के अहसास के साथ ही लगातार आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेगा। निक काफका, सीईओ, टीच ए मेन टू फिश ने कहा, ‘हम लगातार छठे साल स्कूल इंटरप्राइज चैलेंज को आयोजित करके बेहद खुश हैं। गांव के इन बच्चों ने शानदार हौसला दिखाया। प्रतियोगिता में हर साल हिस्सा लेने वाले देशों और स्कूलों की संख्या बढ़ रही है। विजय चड्‌ढा, सीईओ, भारती फाउंडेशन ने कहा, ‘सत्या भारती स्कूल प्रोग्राम का प्रमुख उद्देश्य सम्पूर्ण विकास करना है। हम खुश हैं कि हमारे स्टूडेंट्स ने एक नई सोच को अपनाया और उनके प्रयासों को मान्यता भी मिली है। फाउंडेशन में हम सभी के लिए ये गर्व के पल हैं।

चार केंद्रों पर सम्पन्न हुई उत्कृष्ट चयन परीक्षा, 48 रहे अनुपस्थित

एजुकेशन विजय, शाजापुर, 27 मार्च। उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 9वीं में प्रवेश लेने के लिए जिलास्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय चयन परीक्षा में शहर के 4 केंद्रों पर 1354 परीक्षार्थियों ने स्वयं को उत्कृष्ट साबित करने के लिए कलम चलाई। वहीं परीक्षा की व्यवस्था पर प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रियता के साथ नजर बनाए रहे और उन्होने केंद्रों का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु प्रतिवर्ष जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय चयन परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में रविवार को चयन परीक्षा का आयोजन किया गया। उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य सुश्री राजालू ने बताया कि परीक्षा का आयोजन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक 4 केंद्रों पर किया गया। चारों केंद्रों पर 1402 परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए दर्ज थे, लेकिन किन्ही कारणों के चलते 48 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे, और 1354 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। सुश्री राजालू ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालय परीक्षा केंद्र पर 500 परीक्षार्थी दर्ज थे, जिनमें से 15 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे और 485 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इसी तरह शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक 2 में 400 परीक्षार्थी में 383 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी, ओर यहां 17 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। एमएलबी परीक्षा केंद्र पर 12 परीक्षार्थी अनपुस्थित रहे और यहां 406 में से केवल 388 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी। वहीं ज्योतिनगर हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 4 परीक्षार्थी अनुपस्थित पाए गए ओर 102 में से 98 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए।
प्रेक्षक करते रहे निरीक्षणपरीक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए डिप्टी कलेक्टर रणजीतकुमारसिंह और तहसीलदार एसएल शाक्य चारों परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते रहे। वहीं उत्कृष्ट विद्यालय परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष सुश्री शशिरेखा राजालू, क्रमांक 2 में अरूण व्यास, ज्योतिनगर में केके अवस्थी और एमएलबी में आशा श्रीवास्तव की उपस्थिति में परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।

5 वीं और 8वीं की परीक्षाएं शुरू

एजुकेशन विजय, ग्वालियर, 27 मार्च। होली के त्यौहार के बाद अब बोर्ड पैटर्न के आधार पर होने वाली पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं शुरु हो गई हैं। परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली हैं।
परीक्षाएं सुबह 7 से 10 बजे तक होंगी। परीक्षा के लिए केन्द्र अध्यक्ष और सहायक केन्द्र अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर टीमें गठित की गई हैं। यह टीमें परीक्षा के दौरान केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर नकल करने वाले छात्रों व उनके सहयोगियों को पकड़े।

गूगल ही नहीं प्रतिदिन पढ़ने की भी आदत डालें- डॉ. चड्ढा

एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 27 मार्च। ज्ञान समाज के युग में सूचना एवं ज्ञान के साथ-साथ प्रोत्साहन एवं प्रेरणा की भी जरुरत है। आज की युवा पीढ़ी को केवल गूगल पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए वरन् दस पृष्ठ प्रतिदिन पढ़ने की आदत को भी अपनी दिनचर्या में शुमार करना चाहिए। उक्त विचार उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय एवं मानविकी विद्याशाखा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी टेक्नोलाजी ट्रेन्ड्स इन लाइब्रेरीज के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि भारतीय संसद पुस्तकालय नई दिल्ली के अपर सचिव डॉ. आर.के. चड़ढा ने व्यक्त किया। उन्होनें नई तकनीक को सीखने के साथ-साथ लक्ष्य निर्धारण एवं लगातार परिश्रम को सफलता की कुंजी बताया। डॉ. चड़ढा ने प्रतिभागियों को मूलमंत्र देते हुए कहा कि देश, समाज एवं सवयं के लिए हमेशा आत्म निर्भर एवं आत्म विश्वासी होना आवश्यक है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एम.पी दुबे ने कहा कि बदलते परिवेश में पुस्तकालयों को भी अपने कलेवर में परिवर्तन एवं नई तकनीक विकसित कर छात्रोंन्मुखी बनाने की आवश्यकता है। कहा कि आज छात्र विश्वविद्यालय नहीं आ रहा है तो पुस्तकालय कहां से आयेगा। ऐसी विषम परिस्थतियों में पुस्तकालयों को भी समय के साथ यूजर फ्रेन्डली बनाये जाने की आवश्यकता है। जिससे छात्रों का रुझान पुस्तकालयों की तरफ बढें। दो दिनों तक चले सेमिनार की रिपोर्ट आयोजन सचिव डा. आर.जे. मौर्य ने प्रस्तुत की।
अतिथियों का स्वागत मानविकी विद्याशाखा के निदेशक डॉ. आर.पी.एस. यादव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. टी.एन. दुबे, पुस्तकालयाध्यक्ष ने एवं संचालन डा.राम जनम मौर्य ने किया। इस अवसर पर प्रो. वी.पी.खरे, झाँसी, डा. मेहन्दी हसन, अलीगढ़, डा. बी.के. सिंह, इलाहाबाद, प्रो. ए.पी. सिंह, वाराणसी तथा प्रो. लक्ष्मण राव नागुबन्दी, हैदराबाद आदि ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में अपने विचार व्यक्त किये।

छात्रों का भविष्य तय होने में आ रहीं अड़चनें

एजुकेशन विजय, रीवा, 27 मार्च। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के योग शिक्षा पाठ्यक्रम के उन छात्रों को कुलपति दरबार से भी राहत नहीं मिल पाई है, जिनका प्रवेश निरस्त कर दिया गया है। कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव के आश्वासन के बाद भी छात्रों का प्रवेश बहाल नहीं हुआ है। नतीजा छात्र बहाल होने के लिए कुलपति और विभागाध्यक्ष का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। निरस्त प्रवेश को बहाल करने कुलपति की ओर से छात्रों को विभागाध्यक्ष से मिलने की नसीहत दी गई। लेकिन मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एके श्रीवास्तव ने हाथ खड़े कर दिए हैं। छात्रों के मुताबिक विभागाध्यक्ष की दलील है कि निरस्त प्रवेश को बहाल करने कुलपति के अधिकार क्षेत्र में है।
कुलपति और विभागाध्यक्ष का छात्रों के प्रति यह रुख छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गौरतलब है कि योग शिक्षा पाठ्यक्रम मनोविज्ञान विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। छात्रों ने प्रवेश बहाल करने की मांग को लेकर एक बार फिर से कुलपति से मिलने का निर्णय लिया है। छात्रों के मुताबिक वे सोमवार को सामूहिक रूप से कुलपति से मुलाकात कर गुहार लगाएंगे। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो प्रशासनिक भवन के समक्ष धरने पर बैठेंगे। कक्षा में अनुपस्थित रहने के चलते विवि प्रशासन ने योग शिक्षा के डिप्लोमा पाठ्यक्रम के 30 छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया है। विवि अधिकारियों का इन छात्रों की अपील के प्रति उदासीन रवैया उनकी बेचैनी बढ़ा रहा है। वजह यह है कि योग शिक्षा के एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा जून में प्रस्तावित है। छात्रों का जल्द ही प्रवेश बहाल नहीं किया गया तो उनके द्वारा कक्षा में 75 फीसदी उपस्थिति देना मुश्किल हो जाएगा।कक्षा में न्यूनतम 75 फीसदी उपस्थिति न होने की स्थिति में छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। इस स्थिति में उनका पूरा एक वर्ष और प्रवेश शुल्क दोनों ही बेकार होगा जाएगा।

कॉलेज न होने से गांव की बेटियां घर बैठने को मजबूर

एजुकेशन विजय, दतिया, 27 मार्च । पण्डोखर सर्किल में सरकारी कॉलेज न होने से दो दर्जन गांवो के छात्र छात्राएं इण्टर पास करके घर बैठने को मजबूर है। बताया जाता है कि बिगत वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ग्रामीण क्षेत्र में दौरा के समय सालौन बी से गुजरते वक्त सालौन बी के सरपंच बादाम सिंह राजपूत ने गांव में एक सरकारी कॉलेज खुलवाये जाने की मांग की थी।
जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था। आज सात वर्ष गुजर जाने के बाद भी सालौनबी में सरकारी डिग्री कॉलेज नही खुल सका। इस क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों के छात्र छात्रायें इण्टर पास करने के बाद घर बैठ जाते है। और आर्थिक रूप से सक्षम छात्र छात्रायें ही 25 किमी दूर भाण्डेर कॉलेज जाते हैं और उन्हे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अप डाउन करने वाले छात्र छात्राओं को हर रोज 40 रूपये किराया देना पडता है।
परीक्षा के समय काफी परेशानी होती है क्योंकि एक तो इस रोड पर बसों की कमी है। ऐसे में छात्रों के सामने परेशानिया ही परेशानिया नजर आती है। सालौन बी में डिग्री कॉलेज खुल जाने से आस पास के गॉवों पण्डोखर, भिटारी, बरका, हसनपुर, तालगॉव, पडरी कला, चांदनी, सोहन रामनेर, मैथाना, खिरिया, सोहन बिण्डवा घनश्यामपुर, ईटारोरा, राखरा, उडी, गणेसपुरा, उडीना, भलका गोंदन सहित अन्य गॉवो के छात्र छात्राओं को सुविधा हो जायेगी।

हरियाणा राजकीय अध्यापक कल्याण संघ का 40वां अधिवेशन सम्पन्न

एजुकेशन विजय, चंडीगढ, 27 मार्च। हरियाणा राजकीय अध्यापक कल्याण संघ का 40वां वार्षिक अधिवेशन सर छोटूराम धर्मशाला में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता संघ के मुख्य संरक्षक देवराज नान्दल ने की तथा अधिवेशन के मुख्य अतिथि जिला परिषद रोहतक के अध्यक्ष बलराज कुंडू के प्रतिनिधि के रूप में राजेन्द्र पन्नू रहे और सैंकड़ों संघ के कार्यकत्र्ताओं ने भाग लिया। अधिवेशन का शुभारम्भ शीशपाल शास्त्री ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ किया तथा शिक्षकों का आह्वान किया कि अध्यापक देशभक्त तथा संस्कारिक नागरिकों का निर्माण करें। आज के मुख्य अतिथि राजेन्द्र सिंह ने अध्यापकों को विश्वास दिलाया कि शिक्षा उत्थान तथा शिक्षक कल्याण के लिए जिला परिषद् के अध्यक्ष बलराज कुंडू संघ का पूरा-पूरा साथ देंगे और मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री तक संघ की मांगों को रखेंगे और शिष्टमंडल को उनसे बातचीत करायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं भी एक अध्यापक का बेटा हूं और अध्यापकों की समस्याओं को अच्छी तरह समझता हूं। जिला परिषद् चेयरमैन को चंडीगढ़ में जाट आरक्षण की बैठक में जाना पड़ गया इसलिए उन्होंने मुझे अधिवेशन में अपना प्रतिनिधि भेजा है।
संघ के महासचिव कर्मवीर सिंह ने शिक्षकों का आह्वान किया कि सरकार की कमियों के बावजूद शिक्षण कार्यों में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए क्योंकि स्कूलों में विद्यार्थी अध्यापक को भगवान से बड़ा मानते हैं। संघ के पूर्व प्रधान ईश्वर शास्त्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति उच्च आदर्शों की संस्कृति है। शिक्षकों ने कूट-कूट कर छात्रों में नैतिक गुण तथा देशप्रेम की भावना पैदा करनी चाहिए। प्राचार्य जितेन्द्र खत्री ने कहा कि अध्यापक कल्याण संघ शिक्षा उत्थान तथा शिक्षक कल्याण का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठा रहा है। हमें संघ को मजबूत बनाने में पूरा सहयोग करना चाहिए।संघ के मुख्य संरक्षक देवराज नान्दल ने आये हुए शिक्षकों तथा अतिथियों का धन्यवाद करते हुए एक वर्ष के लिए संघ की नई कार्यकारिणी के चुनाव का प्रस्ताव रखा तो अधिवेशन में उपस्थित सभी सदस्यों ने वर्तमान कार्यकारिणी को एक वर्ष के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। संघ के प्रांतीय प्रधान जितेन्द्र राठी, महासचिव कर्मवीर सिंह, कार्यवाहक प्रधान शमशेर सिंह सिवाच, उपाध्यक्ष मनोज यादव और कोषाध्यक्ष कर्णबीर बडक़ को मजबूत कार्यकारिणी बनाने का अधिकार दिया गया। पूरे प्रदेश की कार्यकारिणी की घोषणा 9 अप्रैल को मानसरोवर पार्क रोहतक की बैठक में की जायेगी।आज की बैठक में अधिकांश वक्ताओं ने पियन से लेकर स्कूल मुखिया तक सभी रिक्त पदों को भरने की मांग की और 9455 चयनित जेबीटी अध्यापकों को स्कूलों में कार्यग्रहण करना तथा अतिथि अध्यापकों को नियमित करना, ढीली प्रमोशन प्रक्रिया को तेज करना तथा प्राईमरी स्कूल मुखिया, मिडल मुख्याध्यापक, उच्च स्कूलों के मुख्य अध्यापक तथा टीजीटी से प्रवक्ता पद पर शीघ्र प्रमोशन, स्कूल प्रवक्ता से वरिष्ठ माध्यमिक प्रिंसिपल तथा प्राचार्य से खण्ड शिक्षा अधिकारी की पदोन्नति शीघ्र करना और टीजीटी प्रमोशन की 2012 की अव्यवहारिक प्रमोशन नीति को तुरन्त समाप्त करना, पारदर्शी स्थानान्तरण नीति बनाना, सेवानिवृत्त अध्यापकों को पंजाब की तर्ज पर हर पांच वर्ष के बाद पेन्शन बढ़ाना आदि प्रमुख मांगे रही। संघ ने निर्णय लिया है कि सरकार अप्रैल महीने में बातचीत करके अध्यापकों की समस्याओं का निराकरण करे। वर्ना मई महीने में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को संघ की ओर से रोष ज्ञान देंगे। प्रांतीय प्रधान जितेन्द्र राठी तथा संघ के अन्य पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि राजेन्द्र सिंह पन्नू तथा संघ की संरक्षक रामरती देवी को संघ का स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।आज के अधिवेशन में मुख्य अध्यापक ईश्वर सिंह सैनी, मनोज यादव, महेश वर्मा, सुरेन्द्र ग्रेवाल, ईश्वर शास्त्री, चांद सिंह अहलावत, सूरत सिंह मलिक, शमशेर सिंह, जितेन्द्र खत्री, बिन्द्रा देवी, सन्तोष, बिमला देवी, धनपति हुड्डा, रामरती देवी, चन्द्रभान शर्मा, हरिपाल खर्ब, के.एल. निझावन, डा. रूपेश श्योराण, जगदीश देशवाल, विरेन्द्र गुलिया, करतार सिंह नान्दल, जयभगवान शर्मा, जोगेन्द्र, भूपेन्द्र रोज, ऋषिपाल हुड्डा, प्रवीन्द्र सांगवान, विरेन्द्र आर्य, सत्यनारायण शास्त्री, प्रदीप रोज, बिजेन्द्र, अजय, महेन्द्र सिंह हुड्डा, नरेश, सत्यपाल शास्त्री आदि ने मुख्य रूप से सम्बोधित किया। इसके अलावा सैंकडों कार्यकत्र्ताओं ने अधिवेशन में भाग लिया तथा शिक्षा सुधार में सहयोग किया।

वैज्ञानिक डॉ. सोनाली कर बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित

एजुकेशन विजय, जगदलपुर, 27 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ शाखा धमतरी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उन्नतशील महिलाओं का सम्मान किया। इस अवसर पर उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, जगदलपुर की सहायक प्राध्यापक / वैज्ञानिक डॉ. सोनाली कर को बेस्ट टीचर ऑफ़ द इयर 2015 की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्यीक, सांस्कृतिक व सामाजिक योगदान देने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया. अकादमी द्वारा प्रति वर्ष चयनित कवि, लेखकों, साहित्यकारों, शिक्षकों, लोक कलाकारों, व्याख्याकारो एवं कार्यकर्ताओ को विभिन्न मानद उपाधियो से अलंकृत किया जाता है।
अकादमी के इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षित, संगठित, संघर्षशील व निर्भिक महिलाओ एवं समाजविरो का सम्मान करना था जो हमारे समाज के लिए मायल स्टोन बन गये। डॉ. सोनाली की इस उपलब्धी पर उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, जगदलपुर के अधिष्ठाता डॉ डी एस ठाकुर ने उन्हें शुभकामनाये दी।

7500 प्रवेशार्थियों के सैलाब ने किया अचम्भित

एजुकेशन विजय, चंडीगढ, 27 मार्च। गुरुकुल शिक्षा एक विशिष्ट जीवन-शैली है, जिसे आज अभिभावकगण अपने बच्चों को यशस्वी बनाने के उद्देश्य से सामाजिक विरासत के रूप में सौंपना चाहते हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण रविवार को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने हेतु पहुँचे अभिभावकों की जिज्ञासा को देखकर मिला, जिसमें पाँचवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक 7500 में से केवल 750 प्रतिभावान छात्रों को विभिन्न कक्षाओं के लिए चयनित किया जाएगा, जिसमें 250 गुरुकुल कुरुक्षेत्र व 500 छात्रों का प्रवेश गुरुकुल नीलोखेड़ी में किया जाएगा। प्रवेशार्थियों में इटली व नेपाल के अतिरिक्त भारत के सभी राज्यों के छात्र शामिल हैं। अनेकता में एकता को संजोए हुए सचमुच में गुरुकुल कुरुक्षेत्र संस्कारित शिक्षा का महासागर है, जिसमें अनेक प्रान्तों, जाति, धर्म तथा भाषाओं की विविधता के बावजूद एकता का अनुपम समावेश है। अभिभावकों ने बताया कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्राचीन व अर्वाचीन शिक्षा का अनुपम सामंजस्य है, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास सम्भव है।
भारतीय संस्कृति, जीवन-मूल्यों व आदर्शों पर आधारित गुणवत्तापरक एवं संस्कारित शिक्षा के कारण उनका रूझान अपने बच्चों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्रविष्ट कराने का बना। गुरुकुल में ऑडियो-विजुअल, गु्रप-डिस्कशन डिवेट, होर्स राइडिंग, शूटिंग रेंज, म्यूजिक, एन.सी.सी. की सीनियर व जूनियर विंग, एन.एस.एस यूनिट, कम्प्यूटर का व्यावहारिक प्रशिक्षण, वातानुकूलित साइंस व लैंग्वेज लैब, स्मार्ट क्लासिज़ व वातानुकूलित लाईब्रेरी इत्यादि की सुव्यवस्था है, जो अन्यत्र विद्यालयों में दुर्लभ है। इन्हीं से प्रभावित होकर उन्हांेने अपने बच्चों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में दाखिल कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ छात्रों को जेईई मेन व एडवांस, एन.डी.ए., एन.टी.एस.ई., ए.आई.पी.एम.टी., आई.एम.टी., ऑलम्पियाड आदि की परीक्षाओं की तैयारी दक्ष प्रशिक्षकों की देख-रेख में कराई जाती है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय खेल प्रशिक्षण हेतु इनडोर व आउटडोर जिम्नेजियम हॉल व प्रशिक्षकों की भी सुव्यवस्था है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल व गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने बताया कि अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान, साइंस व हिन्दी विषय की 100 अंकों की लिखित प्रवेश परीक्षा व काउंसलिंग के आधार पर योग्यता की परख कर केवल मेरिट सूची में स्थान पाने वाले प्रतिभावान छात्रों को ही चयनित किया जाएगा। गुरुकुल कुरुक्षेत्र के उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों, खेल व अन्य क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों से अभिभावकगण इतने अभिभूत हैं कि किसी भी कीमत पर वे अपने बच्चों को यहाँ प्रवेश दिलाना चाहते हैं परन्तु सीमित संसाधनों के कारण गुरुकुल प्रबंध समिति और अधिक बच्चों को प्रवेश दे पाने में असमर्थ है। अभिभावकों का कहना है कि गुरुकुल में एक ऐसा वातावरण है जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है। ऐसे स्वच्छ, शांत, भयमुक्त और स्वास्थ्यप्रद वातावरण से ही विद्यार्थियांे की कोमल भावनाएँ सुरक्षित रह सकती हैं।
गुरुकुल में प्रवेशार्थियों के उमड़े सैलाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज का युग उच्च शिक्षा, प्रतियोगिता व अनेक चुनौतियों से परिपूर्ण है तथा मानव का हर कदम वैज्ञानिक व वैचारिक आस्थाओं की ओर अग्रसर है। गुरुकुल के छात्रों में दुनिया से आगे चलने की ललक व उमंग है। इसी कारण अभिभावकों का रूझान गुरुकुल शिक्षा की ओर बढ़ रहा है। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसका यदि सही ढंग से उपयोग किया जाए तो परमाणु हथियार भी इसके सामने बौने साबित हो सकते हैं। इससे बौद्धिकता के उच्चतर स्तर को प्राप्त किया जा सकता है। सही और गलत के बीच भेद और नवाचार व रचनात्मकता के लिए जरूरी योग्यताओं को विकसित किया जा सकता है। एक आदर्श शिक्षण संस्थान का मूल दायित्व अपने विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रदान कर ज्ञान से आलोकित करना है। संस्कारित शिक्षा के अभाव में आज समाज में जीवन-मूल्यों का ह्रास तथा नैतिक-मूल्यों का अवमूल्यन हो रहा है, ऐसे में संस्कारित शिक्षा का महत्त्व व आवश्यकता और भी अधिक प्रासंगिक है।

कोर्ट के 19 फैसलों के बाद प्राइवेट स्कूलों में सरकारी हालात

एजुकेशन विजय, चंडीगढ, 27 मार्च। हरियाणा शिक्षा नियमावली का नियम 134ए बना तो वर्ष 2003 में था, लेकिन इसे लागू कराने के लिए छह साल कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। कोर्ट के 19 फैसले आए। इस बार पहला मौका है जब सरकार इस नियम के तहत दाखिलों को कुछ गंभीर नजर आई है। इस बार समय से आवेदन व ड्रॉ का शेड्यूल जारी हुआ है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा कहते हैं कि दाखिला देने में आनाकानी करने वाले स्कूल की मान्यता वापस ली जाएगी। नियम 134ए को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन न होने के कारण गरीब बच्चों को पढ़ने का हक मिलने में 13 साल लग गए। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूल भी गरीब बच्चों का बोझ उठाने में असमर्थता जताते रहे हैं। एडमिशन न देने का प्राइवेट स्कूल सालों से विरोध करते आ रहे थे। अब सरकार हाईकोर्ट में कह चुकी है कि प्राइवेट स्कूलों पर पढ़ने वाले आर्थिक बोझ का वहन प्रदेश सरकार करेगी। प्राइवेट स्कूलों के संगठन का कहना है कि सरकार पूरा खर्च वहन करे। जब नियम बना तब प्रावधान था कि मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों को के लिए आरक्षित होंगी। 2013 में हुड्डा सरकार ने 25 फीसदी कोटे को घटाकर 10 फीसदी कर दिया। अब इस नियम के तहत दूसरी कक्षा से 12वीं कक्षा तक कर दाखिले मिलने हैं। जबकि पहली कक्षा में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत दाखिला मिलेगा। शिक्षा विभाग की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार आगामी शैक्षणिक सत्र 2016-2017 में पहली कक्षा में दाखिले के लिए 22 से 31 मार्च तक और दूसरी से 8वीं कक्षा तक 29 मार्च से 8 अप्रैल तक आनॅलाइन व ऑफ लाइन फार्म जमा करवाए जा सकते हैं। 9 से 12 अप्रैल तक छंटनी के बाद 12 अप्रैल को आवेदनकर्ताओं की सूची स्कूल एवं खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रकाशित कर दी जाएगी। 18 अप्रैल को खंड स्तर पर पहला ड्रॉ निकाला जाएगा। पहले ड्रॉ के 18 से 25 अप्रैल तक दाखिले होंगे। बची हुई सीटों के लिए द्वितीय ड्रॉ 26 अप्रैल को निकाला जाएगा।
दाखिले 26 से 29 अप्रैल तक होंगे। फिलहाल तीसरे ड्रॉ का शेड्यूल जारी नहीं किया गया।दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन संस्था 2010 से इस नियम को लागू करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। संयोजक सत्यवीर हुड्डा बताते हैं कि 2010 में पहली बार याचिका लगाई थी। उसके बाद हाईकोर्ट और शीर्ष कोर्ट में 19 बार आदेश पारित हुए। मार्च 2012 में दिए निर्णय में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दो लाख रुपए से कम आय वाले सभी अभिभावक अपने बच्चे का नियम 134ए के तहत एडमिशन करा सकते हैं। इस नियम के तहत सभी स्कूलों में 10 फीसदी सीटें इन बच्चों के लिए आरक्षित रखना जरूरी है। पहले सरकार ने शहरी सीमा में पड़ने वाले प्राइवेट स्कूलों में दूसरी से 5वीं कक्षा तक एक छात्र के 300 रुपए, छठी से 8वीं तक 400 रुपए और गांवों में क्रमश: 200 और 300 रुपए प्रति बच्चा (134ए के तहत) देने की बात कही थी। अब पूरा खर्च उठाने की बात की जा रही है। हालांकि विधानसभा में पेश 2016-17 के बजट में अलग से राशि का प्रावधान नहीं है।

सामाजिक बहिष्कार के अवसान से बनेगी सामाजिक न्याय की नींव

एजुकेशन विजय, चंडीगढ़, 26 मार्च। "सामाजिक बहिष्कार के अवसान से बनेगी सामाजिक न्याय की नींव : राष्ट्रीय संगोष्ठी में निकला निष्कर्ष", भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के विधि विभाग में "रींविसजजिंग सोशल जस्टिस इन द एरा ऑफ़ ग्लोबलाइजेशन:  इश्यूज एंड डिलेम्मास" विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में देश भर से  आये लगभग 125 प्रतिभागियों ने अपने अपने शोध पत्रों को पढ़ने और आपसी विचारों में यह निष्कर्ष निकाला। इस संगोष्ठी को विधि विभाग के सभागार में किया गया। इस संगोष्ठी के प्रथम सेशन में आयोजित उद्घाटन समारोह में इस्पेक्टर जनरल डॉ सुमन मंजरी ने बतौर मुख्या अतिथि शिरकत की। इस समारोह में गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के प्रोफ एम. ए. वाणी विशिष्ट अतिथि थे और उन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभागिओं को सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अधयक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ आशा काद्यान ने की।
प्रतिभागिओं को सम्भोदित करते हुए डॉ सुमन मंजरी ने कहा कि समाज में संवैधानिक कानून के साथ साथ सामाजिक कानून भी सक्रिय रूप से काम करते हैं और संवैधानिक कानूनों को प्रभावशाली  रूप से लागू करने के लिए ज़रूरी है कि सामाजिक कानूनों को अनुकूल बनाया जाए।   उन्होंने कहा कि सरकार और संविधान तभी प्रभावी होते हैं जब सामाजिक तौर पर उन्हें अपनाया जाता है और इसके लिए ज़रूरी है जागरूकता। डॉ सुमन ने कहा कि एक जागरूक नागरिक समझता है कि मौलिक अधिकारों के साथ साथ मौलिक कर्तव्यों का भी निर्वाह ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने अपना वक्तव्य ख़त्म करते हुए कहा कि नर में ही नारायण बस्ते हैं और इसलिए ज़रूरी है कि एक स्वच्छ तथा सकरात्मक समाज उदित हो। प्रोफ वाणी ने मुख्य सम्बोधन में प्रतिभागिओं के साथ साथ मौजूद छात्राओं को प्रोत्साहित करने वाला वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि हम सबको चाहिए कि हम तर्कसंगत सभाषन युक्त ज्ञान अर्जन की चेष्टा करें क्यूंकि तभी हम चीज़ों को समझ सकेंगे और अपने विचार रख सकेंगे।  इसके लिए शिक्षकों की भूमिका अहम होती है क्यूंकि शिक्षक ही छात्राओं को उस तरह का ज्ञान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज की ज़रुरत छात्राओं को यह पढ़ाने की नहीं है कि किस अदालत में क्या फैसला हुआ बल्कि यह सिखाने की है कि वे अपने विचारों से अदालत तथा न्यायाधीशों के फैसलों पर अपनी छाप छोड़ सकती हैं।  उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक ही विचारों का जनक है और वही उसे छात्राओं को भी सीखना होगा। प्रोफ वाणी ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए यह ज़रूरी है क्यूंकि सामाजिक न्याय का मूलभूत आधार है ख़ुशी, दूसरों की तथा अपनी। भावनाएं ही हमें दूसरी चीज़ों से अलग बनाती हैं और यह आवश्यक है कि हम इसे संजों के रखें।  सभा को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रोफ आशा काद्यान कि सामाजिक न्याय के लिए महिलाओं को सशक्त करना बहुत आवशयक है क्यूंकि वे समाज का 50 प्रतिशत हिस्सा है और सामाजिक समानता के लिए उनका सशक्तिकरण आवश्यक है।  उन्होंने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियां इस दिशा में एक अहम कदम है क्योंकि यह वो मंच है जहाँ देश का संबसे प्रतिभाशाली दिमाग साथ बैठ कर विचार-विमर्श करते हैं। प्रोफ काद्यान ने आगे कहा कि नारी उत्थान के लिए जो भी आवश्यक है वो हम कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि  छात्राएं आगे चलकर एक न्यायसंगत समाज के निर्माण में अग्रिणी भूमिका निभाएंगी।  इस अवसर पर संगोष्ठी के निदेशक प्रोफ विमल जोशी, डॉ सुमन दलाल, डॉ सुमित्रा, प्रोफ महेश दाढीच, डॉ सीमा मालिक, डॉ कृतिका दहिया,  डॉ सुषमा जोशी, डॉ (मेजर) अनिल बल्हारा, समेत अन्य मौजूद थे। 

नए सत्र में निशुल्क प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू

एजुकेशन विजय, गुना, 26 मार्च। शिक्षा अधिकार कानून के तहत गैर अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां 25 फीसदी वंचित तबकों के बच्चों को प्रवेश देना होगा।
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल संचालकों से कहा है कि वे नया सत्र आरंभ होने से पहले लॉटरी के जरिए बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया को पूरा कर लें। ऐसा न होने पर उनके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी।

अजा-जजा छात्रों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

एजुकेशन विजय, गुना, 26 मार्च। एमपी पीएससी की प्रारंभिक और मेन परीक्षा में उत्तीर्ण अनुसूचित जातिए जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इसके लिए 31 मार्च तक आवेदन करना होगा।
आवेदन के साथ परीक्षा का प्रवेश पत्रए रोल नंबर, रिजल्ट की फोटो कॉपी, जाति, आय मूल निवासी प्रमाणपत्र, अंकसूची,  बैंक पास बुक की छाया प्रति देना होगा।

यूपी टीईटी का परीक्षाफल 29 को

एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 25 मार्च। यूपी टीईटी का परीक्षाफल 29 मार्च को घोषित होगा, इसकी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है। होली और गुड फ्राइडे का अवकाश होने के कारण कई दिनों तक कार्यालय बंद रहा। जिसके कारण रिजल्ट घोषित नहीं हो पाया। इस बार टीईटी के लिए आनलाइन लगभग साढ़े नौ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान ओआरएम शीट में अनुक्रमांक के स्थान पर सिरीज संख्या लिख दिया है। इसके अलावा विषय कोड सहित अन्य जरूरी जानकारियां भी ओआरएम शीट में नहीं भरा गया है। ऐसे में संभावना है कि उनके ओआरएम शीट का मूल्यांकन नहीं होगा। ऐसे अभ्यर्थियों की कुल संख्या लगभग पचास हजार से अधिक है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि टीईटी का रिजल्ट मंगलवार को घोषित होने जा रहा है और इसके पन्द्रह दिन बाद संबंधित जिले के डायट से अभ्यर्थी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। उन्होने यह भी बताया कि अगर किसी सर्टिफिकेट में कोई गड़बड़ी होगी तो अभ्यर्थी उसको डायट के माध्यम से ही भेजेंगे।