एजुकेशन विजय,इलाहाबाद, 30 मार्च। एमएनएनआईटी एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, यहां भिन्न-भिन्न देशों तथा राज्यों से छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आते हैं, इसलिए हिन्दी भाषा लोगों को एक धागे में पिरो सकती है। हिन्दी भाषा में वो संस्कार है जो दिलों को जोड़ने का काम करती है, हिन्दी हमारी पहचान है। हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान की पहचान ही लोगों को एक सूत्र में बांध सकता है। उक्त विचार मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के कान्फ्रेन्स हाल में तकनीकि शिक्षा में हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार के व्यवहारिक पक्ष विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. गीतिका गोयल ने व्यक्त किया।कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो. हरिदत्त शर्मा संस्कृत विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक तकनीकी शिक्षा में हिन्दी के प्रचार-प्रसार की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की समस्त भाषाओं को जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। हिन्दी का विकास भारत के अपने विकास पर निर्भर है। वैश्विक बाजार में अगर भारत की भूमिका बढ़ेगी तो हिन्दी का दायरा भी बढ़ेगा। कार्यक्रम के सयोजक सिविल इन्जीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ए.के सिंह ने तकनीकी शिक्षा एवं दैनिक कार्यों में हिन्दी के उपयोग हेतु एक सरल प्रशासनिक शब्दावली बुकलेट भी वितरित की जिसके माध्यम से अन्य भाषा भाषी छात्र हिन्दी सीख सकेंगे। संस्थान के कुल सचिव कर्नल संजीव बनर्जी ने तकनीकी शिक्षा में हिन्दी के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि कार्यालयीय कार्यों में हिन्दी का प्रयोग करने के लिए मात्र इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी के अत्यधिक प्रयोग के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए संस्थान समय समय पर हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन के लिए आवश्यक कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।हिन्दी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष प्रो. दिनेश चन्द्रा ने कहा कि संस्थान में हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में क्या प्रगति हुई इसके लिए प्रत्येक तीन माह में हिन्दी भाषा की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में अन्य संस्थानों की तुलना में एमएनएनआईटी हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा अहिन्दी भाषा भाषी छात्रों ने भी बड़े उत्साह के साथ इस कार्यशाला में भाग लिया। मंच का संचालन करते हुए प्रो. एल.के मिश्रा ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकि के क्षेत्र में अच्छी पुस्तकों का हिन्दी भाषा में अनुवाद होना चाहिए। उक्त कार्यशाला में संस्थान के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं भारी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
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Thursday, 31 March 2016
Monday, 28 March 2016
प्रतियोगिता से बच्चो में आता है प्रतिभा का निखार-कोमल यादव
एजुकेशन विजय, इलाहाबाद,20मार्च। विद्यार्थियों का जीवन तपस्या क जीवन है जो हमें अपने सफलता के रास्ते में वाली चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। उक्त बाते रविवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल इलाहाबाद के तत्वाधान में आयोजित प्रेप ग्रेजुएशन डे के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथिति जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव ने कहीं।उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चो में छुपी हुई प्रतिभा का निखार आता है। जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा बनता है। हम सभी लोगों को यह प्रयास करना चाहिए की बच्चों को ऐसी प्रतियोगिता में जरूर भेजा चाहिए और प्रत्येक विद्यालय में इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए।समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि कोमल यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक, इलाहाबाद, ने विद्यालय की संस्थापिका श्रीमती सोनू सिंह राधव, प्राचार्या डाॅ0 श्रीमती सुजाता सिंह एवं उप प्राचार्या श्रीमती रचना दुबे की उपस्थिति में, संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।अतिथिगण के स्वागत सम्मान के उपरान्त कार्यक्रम का आरंभ आॅरकेस्ट्रा की मधुर संगीतमय धुन से हुआ जिसे सुनकर श्र्रोतागण भाव-विभोर हो उठे। इसके बाद बच्चों का प्रेप ग्रेजुएशन डे का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। बच्चों ने बड़ी शालीनता एवं अनुशासित ढं़ग से स्टेज पर जाकर अपने-अपने प्रमाण-पत्र प्राप्त किए। इस अवसर पर बच्चों ने ईश वंदना कर एवं होली के मनोहारी नृत्य से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। समारोह में प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया। उन्हांेने पुरस्कृत सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए भविष्य में और अच्छा प्रयास करने के लिए शुभकामनाएं दीं। इस प्रकार के सफल आयोजन के लिए उन्होंने विद्यालय की संस्थापिका श्रीमती सोनू सिंह एवं प्राचार्या श्रीमती सुजाता सिंह को धन्यवाद दिया तथा स्मृति-सूचक सम्मान देने के लिए कृतज्ञता प्रकट की। अंत में वंन्देमातरम् की आकर्षक नृत्य-नाटिका के उपरांत सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
जीवन और शिक्षा के हर क्षेत्र में सांख्यिकी का उपयोग - चंदेल
एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 20 मार्च । सांख्यिकी का उपयोग जीवन और शिक्षा के हर क्षेत्र में है चाहे वह समाज विज्ञान हो या मानविकी अथवा प्रशासन का कोई क्षेत्र हो। उन्होंने कहा कि आम आदमी के जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं लेकिन इन योजनाओं की सफलता के लिए वास्तविक तथा अर्थपूर्ण सांख्यिकीय विश्लेषण की आवश्यकता हर स्तर पर विद्यमान रहती है जिसके बिना ऐसे कार्यक्रम सफल नहीं हो सकते। उक्त बातें उ.प्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि के तत्वावधान में रेलेवेन्स आॅफ स्टेटिक्स इन रिसर्च स्टेटिस्किल साफ्टवेयर विषय पर राष्ट्रीय साप्ताहिक कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि 101 बटालियन रैपिड एक्शन फोर्स के कमाण्डेन्ट दिनेश सिंह चन्देल ने कहा।
श्री चंदेल ने कहा कि जब हम आंकड़ों का संचयन आरम्भ करते हैं तो हमारा लक्ष्य या ध्येय हमारे सामने बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए और उसके अनुसार ही हमें उनके वर्गीकरण और विश्लेषण की प्रणालियों का चयन करना चाहिए तभी यथार्थ और उपयोगी निष्कर्ष प्राप्त होंगे। अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एस.पी गुप्ता ने कहा कि सही विधियों का इस्तेमाल करते हुए सही ढंग से आंकड़ो के विश्लेषण से ही सार्थक निष्कर्षों की प्राप्ति संभव है। उन्होंने का कि डेटा एनालिसिस के बिना हम शोध की कल्पना भी नहीं कर सकते। शोध में आंकड़ों की उपलब्धता महत्वपूर्ण आधार है। ज्ञान के विस्फोट के बाद वर्तमान में आंकड़ों का विस्फोट हो रहा है। उन्होंने कहा कि उपयोगी आंकड़ों का चयन सजगता से करने की आवश्यकता है।विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक डा.आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण और शोध में सांख्यिकी का बहुत महत्व है। कम्प्यूटर के क्षेत्र के अनुप्रयोग और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सांख्यिकी का महत्व है। उन्होंने शोध की उपयोगिता और सार्थकता पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला की रिपोर्ट आयोजन सचिव डा.श्रुति ने प्रस्तुत किया। संचालन डा.गौरव संकल्प तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. जी.के द्विवेदी ने किया।
श्री चंदेल ने कहा कि जब हम आंकड़ों का संचयन आरम्भ करते हैं तो हमारा लक्ष्य या ध्येय हमारे सामने बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए और उसके अनुसार ही हमें उनके वर्गीकरण और विश्लेषण की प्रणालियों का चयन करना चाहिए तभी यथार्थ और उपयोगी निष्कर्ष प्राप्त होंगे। अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एस.पी गुप्ता ने कहा कि सही विधियों का इस्तेमाल करते हुए सही ढंग से आंकड़ो के विश्लेषण से ही सार्थक निष्कर्षों की प्राप्ति संभव है। उन्होंने का कि डेटा एनालिसिस के बिना हम शोध की कल्पना भी नहीं कर सकते। शोध में आंकड़ों की उपलब्धता महत्वपूर्ण आधार है। ज्ञान के विस्फोट के बाद वर्तमान में आंकड़ों का विस्फोट हो रहा है। उन्होंने कहा कि उपयोगी आंकड़ों का चयन सजगता से करने की आवश्यकता है।विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक डा.आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण और शोध में सांख्यिकी का बहुत महत्व है। कम्प्यूटर के क्षेत्र के अनुप्रयोग और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सांख्यिकी का महत्व है। उन्होंने शोध की उपयोगिता और सार्थकता पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला की रिपोर्ट आयोजन सचिव डा.श्रुति ने प्रस्तुत किया। संचालन डा.गौरव संकल्प तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. जी.के द्विवेदी ने किया।
Wednesday, 16 March 2016
इविवि छात्रों के लिए निःशुल्क सिटी बस सेवा शुरू
एजुकेशन विजय, इलाहाबाद, 15 मार्च। सूबे की समाजवादी सरकार की ओर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए निःशुल्क सिटी बस सेवा मंगलवार से शुरू की गयी है। सपा सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को इविवि की छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय बस सेवा छह बसों को छात्रसंघ भवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बसों के रवाना के दौरान एमएलसी बासुदेव यादव, जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव, विनोद चन्द्र दुबे, निधि यादव समेत तमाम छात्र मौजूद रहे।छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने बताया कि यह बस सेवा इविवि के गरीब छात्रों के लिए निःशुल्क शुरू की गयी है। जो इलाहाबाद शहर और देहात के रूटों पर चलती फिरती रहेंगी। ऋचा ने बताया कि छह बसों के लिए फाफामऊ, बैरहना, झूंसी, झलवा, अलोपीबाग, करेली का रूट निर्धारित किया गया है।इन इलाकों से आने वाले छात्र बस में इविवि का परिचय पत्र दिखाकर विश्वविद्यालय तक की निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे। बस में रोडवेज के चालक और परिचालक द्वारा परिचय पत्र दिखाने वाले छात्रों से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह बस सेवा सिर्फ और सिर्फ इविवि के छात्रों के लिए शुरू की गयी है। ऐसे छात्र जिनके पास इविवि तक आने का साधन नहीं है, उनका ख्याल रखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुरू की है। अध्यक्ष ऋचा ने बताया कि इविवि में 30 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनके पास आने जाने के संसाधन नहीं हैं। छात्रों की सुविधाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री से बस सेवा शुरू करने की मांग उनके द्वारा की गयी थी। ऋचा ने यह भी बताया कि बस सेवा शुरू करने का एजेंडा छात्रसंघ चुनाव में शामिल किया गया था। बताया कि देश की तमाम केन्द्रीय विश्वविद्यालय में बस सेवा पहले से चल रही है। इसके मद्देनजर इलाहाबाद स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय में भी बस सेवा शुरू की गयी है।
Wednesday, 9 March 2016
इविवि कुलपति ने सात कलाकारों को किया सम्मानित
एजुकेशन विजय,इलाहाबाद, 09 मार्च। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की केन्द्रीय सांस्कृतिक समिति के कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को दृश्यकला विभाग के सहयोग से कला प्रदर्शनी आयोजित की गई। कुलपति प्रो. रतनलाल हंगलू ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विभाग के सात कलाकारों को कुलपति ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कुलपति ने विश्वविद्यालय में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के दरभंगा हाॅल को भविष्य में कला व सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र बनाने की बात करते हुए कहा कि किसी भी विधा में स्थापित होने के लिए उसके प्रति समर्पण जरूरी है। विश्वविद्यालय को गौरव और गरिमा प्रदान करने के लिए नकारात्मक स्तरहीन राजनीति का केन्द्र न बने इसके लिए सोच बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलाकृतियों की सराहना की। केन्द्रीय सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. ए.ए फातमी ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति सकारात्मक सोच और मार्गदर्शन के लिए कुलपति की सराहना की।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय जैतली ने कुलपति सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग के छात्र कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। इस अवसर पर प्रो. एम.सी चद्दट्टोपाध्याय, प्रो. मुश्ताक अली, प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी, प्रो. एन.बी सिंह, प्रो. अनीता गोपेश, डा. प्रदीप शर्मा, डा. निरंजन सिंह एवं डा. बृजराज यादव आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कुलपति ने विश्वविद्यालय में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के दरभंगा हाॅल को भविष्य में कला व सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र बनाने की बात करते हुए कहा कि किसी भी विधा में स्थापित होने के लिए उसके प्रति समर्पण जरूरी है। विश्वविद्यालय को गौरव और गरिमा प्रदान करने के लिए नकारात्मक स्तरहीन राजनीति का केन्द्र न बने इसके लिए सोच बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलाकृतियों की सराहना की। केन्द्रीय सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. ए.ए फातमी ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति सकारात्मक सोच और मार्गदर्शन के लिए कुलपति की सराहना की।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय जैतली ने कुलपति सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग के छात्र कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। इस अवसर पर प्रो. एम.सी चद्दट्टोपाध्याय, प्रो. मुश्ताक अली, प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी, प्रो. एन.बी सिंह, प्रो. अनीता गोपेश, डा. प्रदीप शर्मा, डा. निरंजन सिंह एवं डा. बृजराज यादव आदि उपस्थित रहे।