एजुकेशन विजय, बिहार के खगड़ियां के एक गांव में इन दिनों लोगों पर पढ़ाई का जुनून सवार है. गांव की बुजुर्ग महिलाएं स्कूल जा रही हैं. खास बात ये है कि इन महिलाओँ को पढाने वाली टीचर छोटी उम्र की गांव की बच्चियां हैं. जानिए गांव में कैसे हुआ ये चमत्कार...
ताउम्र घर का काम संभालने वाली इन महिलाएं
ने चंद दिनों में ही ये साबित कर दिया है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती है. इनकी हाथों ने अभी-अभी कलम पकड़ना सीखा है, पढ़ना सीखा है. ये महिलाएं खगड़िया जिले के रौन गांव की रहनेवाली हैं. यहां महिलाएं हिंदी, इंग्लिश और उर्दू पढ़ना और लिखना सीख रही हैं.
ने चंद दिनों में ही ये साबित कर दिया है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती है. इनकी हाथों ने अभी-अभी कलम पकड़ना सीखा है, पढ़ना सीखा है. ये महिलाएं खगड़िया जिले के रौन गांव की रहनेवाली हैं. यहां महिलाएं हिंदी, इंग्लिश और उर्दू पढ़ना और लिखना सीख रही हैं.
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