एजुकेशन विजय,वाराणसी,06 अप्रैल । विश्व हिन्दू परिषद भी एकल विद्यालयों के जरिये दलित समाज और उपेक्षित लोगों के बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए जुट गया है। प्रतिदिन तीन घंटे का समय देकर परिषद उन्हें साक्षर बनाने के साथ संस्कार वान बनाने के लिए गायत्री मंत्र सिखाने, चंदन टीका लगाने, राष्ट्रीयता से भरे गीत लोकगीत सीखाने पर जोर दे रहा है। बुधवार को परिषद के काशी विभाग संगठन मंत्री दिवाकर ने यह जानकारी दी।श्री दिवाकर ने बताया कि वेदों के प्रचार प्रसार में अतुलनीय योगदान देने वाले ,अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करने वाले महानायक अशोक सिंहल ने दलित और उपेक्षित समाज के बच्चों के लिए एकल विद्यालयों के जरिये सनातन परम्परा और शिक्षा संस्कार को मजबूती देने का सपना देखने के साथ निरन्तर प्रयास किया था। उसी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए काशी विभाग के 3660 गांवो में यह अभियान चल रहा है।उन्होंने बताया कि अभियान उस जगह पर खासतौर पर चलाया जा रहा है जहां ईसाई मिसनरियां काम कर रही है। वहां दलित समाज के बच्चों में राष्ट्रप्रेम भरने के साथ सनातन परम्परा को मजबूती देने के लिए गायत्री मंत्र और चन्दन टीका लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।श्री दिवाकर ने बताया कि कि गाजीपुर और उसके सैदपुर तहसील में संस्कार केन्द्र भी खोला जा रहा है,ताकि समय समय पर एकल विद्यालयों की समीक्षा तथा एकल विद्यालयों के माध्यम से उपेक्षित समाज का मार्गदर्शन कर दूर दराज के इलाकों में इनके बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास बराबर होता रहे।
Friday 8 April 2016
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» एकल विद्यालयों के जरिये बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारवान बना रहा विहिप
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