Random Posts

Saturday 2 April 2016

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों का मनाया जाएगा जन्म दिन,कटेगा केक

एजुकेशन विजय, कानपुर,02 अप्रैल। प्रदेश सरकार नए सत्र में सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को तोहफा देने जा रही है। इस तोफे के तहत अब हर माह के अन्तिम शनिवार को एक माह में जितने बच्चों का जन्म दिन होगा एक साथ केक काटकर मनाया जाएगा। जिसमें उनकी पसंद का भोजन बनवाया जाएगा। यही नहीं इस सत्र का प्रदेश सरकार ने हर माह का सेड्यूल तय कर दिया है।सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत दोपहर का भोजन बच्चों को कराया जाता है। जिससे बच्चे भोजन के बहाने घर न जा सके और सुचारू रूप से पढ़ाई कर सके। इसके बावजूद स्कूलों में अपेक्षाकृत बच्चे पढ़ने नहीं आते। ऐसे में प्रदेश सरकार ने बच्चों को लुभाने के लिए एक और कदम बढ़ाया है।बेसिक शिक्षा अधिकारी प्र्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में हर माह के अन्तिम शनिवार को एक माह में पड़ने वाले जन्म दिन को एक साथ केक काटकर मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस दिन भोजन भी जन्म दिन के लिए अलग से बनाया जाएगा। इसके साथ ही हर स्कूल में खेलकूद की गतिविधियां भी कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए यह ऐसा तोहफा जिसके लिए बच्चे साल भर इंतजार करते हैं।नए सत्र का टाइम टेबलइस सत्र में हफ्ते के हर बुधवार को बच्चों के ड्रेस, नेल और हेयर कट चेक किए जाएंगे। सेड्यूल के तहत अप्रैल में एथलीट, मई-जून छुट्टी, जुलाई में कबड्डी, अगस्त में बॉलीबाल, सितंबर में खोखो, अक्टूबर में फुटबाल खिलवाया जाएगा। हालांकि ऐसे किसी भी शैक्षिक कैलेंडर से शास्त्री नगर प्राथमिक विद्यालय की हेड मास्टर तृप्ति ने जानकारी होने से इनकार कर दिया हैबच्चों को स्कूल नहीं भेजते मां-बापप्रदेश सरकार स्कूलों में कितनी भी सुविधाएं प्रदान करें, लेकिन स्कूलों में बच्चों का न आना बड़ी समस्या है। रावतपुर प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर ने बताया कि सरकारी स्कूल में मिड डे मिल, फ्री में किताब और फ्री में ड्रेस मुहैया कराने के बावजूद गरीब घर के मां-बाप अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। उन्होंने बताया कि परिजनों का कहना है कि इस महंगाई के दौर में बच्चों से काम करवाने पर कमाई होती है, पढ़ने पर क्या मिलेगा? हेड मास्टर के मुताबिक स्कूल में मैदान न होने से बच्चें खेलने के बहाने भाग जाते है।यह होनी चाहिए सुविधाएंहेड मास्टर तृप्ति के मुताबिक, सबसे पहले स्कूल परिसर चारों तरफ से बंद होना चाहिए, और एक मुख्य गेट होना चाहिए। इससे न तो कोई बाहरी बिना परमिशन के अंदर आ पाए और ना ही कोई बच्चा छुट्टी के पहले बाहर जा सके। स्कूल का ग्राउंड साफ-सुथरा होना चाहिए। बच्चों के खेलने के लिए खेलकूद के साधन होने चाहिए।

0 comments:

Post a Comment