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Tuesday 5 April 2016

विदेशियों को मिली पीएचडी डिग्री की विजिलेंस जांच शुरू

एजुकेशन विजय, बोधगया, 05 अप्रैल। मगध विश्वविद्यालय में पिछले चार वर्षों में विदेशियों की दी गयी पीएचडी की डिग्री कितनी सही है और इसमें किस हद तक फर्जीवाड़ा हुआ है। इसे लेकर दो दिनों से राज्य निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम यह पता लगा रही है। यह टीम वैसे अन्य डिग्रियों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा कर रही है।मंगलवार को भी निगरानी टीम ने रजिस्ट्रार और एग्जामिनेशन ऑफिस से कई दस्तावेज तलब किये। निगरानी की जांच का दायरा 2011 से हाल तक दी गयी पीएचडी की डिग्री है। इस मामले में रजिस्ट्रार प्रो. सीताराम सिंह ने बताया कि विजिलेंस अधिकारियों ने साल 2011 से अब तक की पीएचडी डिग्री व अन्य बातों की जांच करने आयी थी।गया पुलिस के एक आला अफसर को वर्ष के शुरू में यह सूचना दी गयी थी कि विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग से पिछले चार वर्षों में ताबड़तोड़ तीन सौ से भी अधिक पीएचडी डिग्री विदेशियों को दी गयी है। इसमें थाईलैंड, म्यामांर व श्रीलंका आदि देश के नागरिक शामिल हैं।पुलिस ने शुरू में बिना एफआईआर के यह पता लगाने की कोशिश की कि जिन विदेशियों को पीएचडी डिग्री दी गयी है उनके वीजा के दस्तावेज से उनकी भारत में रहने की तारीख क्या है। इसके अलावा यह जानकारी लेने की कोशिश की गयी कि उनके अपने देश में दी गयी डिग्री की वास्तविकता क्या है और क्या वे अंग्रेजी या हिन्दी में इतने दक्ष हैं कि पीएचडी की थीसिस खुद लिखें। इस मामले में यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेश डिपार्टमेंट, गया इंटरनेशल एयरपोर्ट और विदेश विभाग से जानकारी मांगी गयी। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह जांच अब राज्य अन्वेषण ब्यूरो कर रही है।

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