एजुकेशन विजय, ग्वालियर, 27 फरवरी। जीवाजी विश्वविद्यालय के अधीन चल रहे मां कैलादेवी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन के संचालक को मनमर्जी महंगी पड़ गई। मोटी फीस लेकर सुविधाएं नहीं दिए जाने पर छात्रों ने इस कॉलेज को नकार दिया। इसके चलते मौजूदा सत्र 2015-16 में कॉलेज की अधिकांश सीटें खाली ही रह गर्इं। खर्चा नहीं निकल पाने से कॉलेज पर ताले पड़ने की नौबत आ गई है। संबद्धता शुल्क बच जाए, इसलिए कॉलेज संचालक ने नए सत्र 2016-17 से बीएड कोर्स बंद करने का आवेदन जेयू में लगा दिया है।
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी लिंक रोड़ पर स्थिति मां कैलादेवी बीएड कॉलेज में 100 सीटें निर्धारित थीं। पिछले कुछ वर्षों से इस कॉलेज में छात्रों का शोषण किया जा रहा था। प्रवेश के समय पर छात्रों को सारी सुविधाएं और रीजनेबल फीस बताकर प्रवेश दिया जाता था। बाद में नॉन अटेटिंग और प्रेक्टिकल व आंतरिक परीक्षा में पास के नाम पर अवैध वसूली की जाती थी। छात्रों से मनमानी फीस लेकर भी सुविधाएं नहीं देने से छात्रों का इस कॉलेज से मोहभंग होता गया। यही वजह रही कि इस साल छात्रों ने इस कॉलेज में एडमीशन लेने के कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
लिहाजा गिनी-चुनी ही सीटों पर प्रवेश हो पाए। इसलिए कॉलेज संचालक ने परिनियम 28(17)में नियुक्त स्टॉफ को कुछ माह के भीतर ही हटा दिया। स्टॉफ सहित जरूरी सुविधाएं नहीं होने पर कॉलेज की संबद्धता छीनी जाती, इससे पहले ही अब कॉलेज संचालक ने बीएड कोर्स बंद करने का आवेदन विश्वविद्यालय की संबद्धता शाखा में प्रस्तुत कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी लिंक रोड़ पर स्थिति मां कैलादेवी बीएड कॉलेज में 100 सीटें निर्धारित थीं। पिछले कुछ वर्षों से इस कॉलेज में छात्रों का शोषण किया जा रहा था। प्रवेश के समय पर छात्रों को सारी सुविधाएं और रीजनेबल फीस बताकर प्रवेश दिया जाता था। बाद में नॉन अटेटिंग और प्रेक्टिकल व आंतरिक परीक्षा में पास के नाम पर अवैध वसूली की जाती थी। छात्रों से मनमानी फीस लेकर भी सुविधाएं नहीं देने से छात्रों का इस कॉलेज से मोहभंग होता गया। यही वजह रही कि इस साल छात्रों ने इस कॉलेज में एडमीशन लेने के कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
लिहाजा गिनी-चुनी ही सीटों पर प्रवेश हो पाए। इसलिए कॉलेज संचालक ने परिनियम 28(17)में नियुक्त स्टॉफ को कुछ माह के भीतर ही हटा दिया। स्टॉफ सहित जरूरी सुविधाएं नहीं होने पर कॉलेज की संबद्धता छीनी जाती, इससे पहले ही अब कॉलेज संचालक ने बीएड कोर्स बंद करने का आवेदन विश्वविद्यालय की संबद्धता शाखा में प्रस्तुत कर दिया है।
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